
RBI की बड़ी घोषणा: रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव, ईएमआई से राहत बरकरार, महंगाई घटने की उम्मीद से बढ़ी आम जनता की उम्मीदें
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC Meeting) में एक अहम फैसला सुनाया है, जो सीधे तौर पर करोड़ों गृह ऋण (Home Loan), कार लोन (Car Loan) और अन्य कर्ज लेने वालों के लिए राहत की खबर लेकर आया है। आरबीआई ने रेपो रेट को 5.50% पर स्थिर रखने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में आपकी ईएमआई (EMI) में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। यानी न तो जेब पर बोझ बढ़ेगा और न ही मासिक खर्च में बदलाव होगा।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सभी छह सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि इस समय ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि मौद्रिक नीति का रुख न्यूट्रल (Neutral Stance) ही रहेगा। यानी आने वाले समय में जरूरत पड़ने पर आरबीआई बदलाव कर सकता है, लेकिन फिलहाल कोई बड़ा कदम उठाने का इरादा नहीं है।
पॉलिसी दरें यथावत: कर्ज लेने वालों के लिए राहत
रेपो रेट वही है जिस पर बैंक आरबीआई से उधार लेते हैं। यही दर आपके होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन की ईएमआई को प्रभावित करती है।
मुख्य दरें इस प्रकार हैं:
- पॉलिसी रेपो रेट: 5.50%
- स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF): 5.25%
- मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF): 5.75%
- बैंक रेट: 5.75%
इसका सीधा असर यह है कि बैंक अभी अपने ग्राहकों पर ब्याज दर बढ़ाने का बोझ नहीं डालेंगे। इससे खास तौर पर मध्यम वर्ग और गृह ऋणधारकों को राहत मिलेगी।
महंगाई पर काबू, राहत का संकेत
आरबीआई ने साफ कहा कि देश की अर्थव्यवस्था फिलहाल मजबूत स्थिति में है और आने वाले महीनों में महंगाई दर में कमी देखने को मिलेगी। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई का अनुमान अब घटाकर 2.6% कर दिया गया है, जो पहले 3.1% था।
तिमाहीवार महंगाई अनुमान इस प्रकार हैं:
- Q2 FY26: 1.8% (पहले 2.1%)
- Q3 FY26: 1.8% (पहले 3.1%)
- Q4 FY26: 4%
- Q1 FY27: 4.5%
इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में जरूरी वस्तुओं के दामों में स्थिरता बनी रह सकती है। आम आदमी को राहत मिलेगी, जबकि सरकार और आरबीआई दोनों का ध्यान अर्थव्यवस्था की रफ्तार बनाए रखने पर है।
अच्छे मानसून और जीएसटी कटौती से बढ़ा भरोसा
आरबीआई ने अपने बयान में यह भी कहा कि इस साल अच्छे मानसून और जीएसटी दरों में कटौती की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिला है। कृषि उत्पादन बढ़ने और उपभोक्ता खर्च में तेजी आने से आर्थिक वृद्धि की रफ्तार मजबूत हुई है।
आरबीआई का मानना है कि आने वाले समय में महंगाई नियंत्रित रहेगी, और साथ ही विकास दर में भी सुधार होगा। यह संकेत है कि भारत की अर्थव्यवस्था सही दिशा में बढ़ रही है।
RBI का फैसला क्यों है अहम?
पिछले साल और 2025 की शुरुआत में आरबीआई ने 100 बेसिस प्वाइंट तक ब्याज दरों में कटौती की थी। तब से लेकर अब तक केंद्रीय बैंक ने लगातार सावधानी बरती है ताकि महंगाई और विकास के बीच संतुलन बना रहे। अगस्त की बैठक में भी दरें स्थिर रखी गई थीं और इस बार भी वही नीति दोहराई गई है।
इस फैसले से बाजारों को उम्मीद के मुताबिक राहत मिली है। निवेशकों ने भी आरबीआई के इस कदम का स्वागत किया क्योंकि इससे ब्याज दरों की स्थिरता बनी रहेगी और मार्केट में विश्वास बढ़ेगा।
संक्षेप में – RBI का फैसला आम जनता के लिए राहत की खबर
- रेपो रेट 5.50% पर बरकरार
- ईएमआई में कोई बदलाव नहीं
- महंगाई में कमी की उम्मीद
- अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन मजबूत
- किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए अच्छी खबर
आरबीआई का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब वैश्विक स्तर पर कई देशों में ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। लेकिन भारत ने एक बार फिर संतुलित नीति अपनाकर यह संकेत दिया है कि देश की वित्तीय स्थिति स्थिर और मजबूत है।