“Nepal Crisis: Gen Z आंदोलन से बढ़ी हिंसा, अब सत्ता की बागडोर किसके हाथ?”

जल रहा है नेपाल: सत्ता पर किसका होगा कब्ज़ा?

नेपाल इस वक्त आग और आक्रोश की लपटों में घिरा हुआ है। काठमांडू से लेकर पोखरा और बीरगंज तक सन्नाटा पसरा है। एयरपोर्ट बंद हो चुके हैं, फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई हैं और सड़कों पर सेना की गाड़ियाँ गश्त कर रही हैं। पिछले 48 घंटे नेपाल के लिए किसी भयावह सपने से कम नहीं रहे।

ओली का इस्तीफ़ा और सत्ता का संकट

प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने गहराते जनाक्रोश और हिंसक प्रदर्शनों के बीच इस्तीफ़ा दे दिया है। उनके इस्तीफ़े के बाद सवाल यही है कि आखिर अब नेपाल की सत्ता कौन संभालेगा? संसद जला दी गई है, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट को आग के हवाले कर दिया गया है। मंत्रियों के घरों को जला दिया गया और कई नेताओं को सड़कों पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी को भी भीड़ ने जिंदा जला दिया।

काठमांडू में सेना का मोर्चा

काठमांडू की सड़कों पर कर्फ्यू लागू है और सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, एयरपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जैसी अहम जगहों पर सेना की कड़ी तैनाती की गई है। हालात इतने बिगड़े कि सेना को पाशुपतिनाथ मंदिर तक में तैनात करना पड़ा, जहां प्रदर्शनकारियों ने घुसने की कोशिश की थी।

कैदियों की फरारी और देशव्यापी बवाल

नेपाल की जेलें भी प्रदर्शनकारियों के गुस्से से नहीं बच पाईं। बीरगंज और पोखरा की जेल की दीवारें तोड़कर हजारों कैदी फरार हो गए। बीरगंज जेल से करीब 576 कैदी और पोखरा से लगभग 900 कैदी भाग निकले। हथियारों का जखीरा भी प्रदर्शनकारियों के हाथ लग चुका है जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।

हिंसा का फैलता दायरा

नेपालगंज, पोखरा और अन्य शहरों में मेडिकल सेंटर, सूचना केंद्र और यहां तक कि टूरिस्ट ऑफिसों को भी आग के हवाले कर दिया गया। भीड़ ने बैंकों को लूटा और कई सरकारी इमारतें राख हो गईं। अब तक 22 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 400 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।

भारत पर असर और सीमा पर अलर्ट

नेपाल में हिंसा के बाद भारत की सीमा पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है। नेपालगंज बॉर्डर पर सघन जांच चल रही है। हालात इतने तनावपूर्ण हैं कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं।

जनता का गुस्सा क्यों नहीं थम रहा?

सवाल यह है कि ओली के इस्तीफ़े के बाद भी जनता का गुस्सा क्यों नहीं थम रहा? राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन जैसे फैसलों ने आग में घी का काम किया। खासकर Gen Z यानी युवाओं की पीढ़ी ने इस आंदोलन को और अधिक उग्र बना दिया।

नेपाल का अगला प्रधानमंत्री कौन?

अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि आखिर नेपाल का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। सत्ता की गद्दी किसके हाथ आएगी, यह अभी भी अधर में लटका है। लेकिन इतना साफ है कि जनता का गुस्सा और मौजूदा हालात नेपाल को लंबे समय तक अस्थिरता की आग में झोंक सकते हैं।

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