
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली:
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में उठ रहे दो चक्रवाती सिस्टम ने मौसम विभाग की चिंता बढ़ा दी है। अगले 24 घंटों में ये सिस्टम चक्रवाती तूफान का रूप ले सकते हैं, जबकि अगले 48 घंटों में इनमें से एक सिस्टम “गंभीर चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ (Montha)” में तब्दील होने की संभावना जताई जा रही है। पिछले तीन दिनों से बंगाल की खाड़ी में सक्रिय यह तूफान अब खतरनाक रूप ले चुका है और इसके असर से दक्षिण भारत से लेकर पूर्वी भारत तक कई राज्य अलर्ट पर हैं।
मौसम विभाग (IMD) के ताज़ा बुलेटिन के अनुसार, ‘मोंथा’ तूफान की हवा की रफ्तार इस समय 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक दर्ज की जा रही है, जो आने वाले घंटों में 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। यह तूफान तेजी से उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है और अनुमान है कि 28 अक्टूबर की शाम तक यह आंध्र प्रदेश के तट से टकरा सकता है।
चक्रवात मोंथा की दिशा और असर
‘मोंथा’ के मार्ग की बात करें तो यह मछलिपत्तनम और काकीनाड़ा के बीच तटीय क्षेत्र को पार कर सकता है। इसके प्रभाव से आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में 27 से 30 अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग ने बताया कि इस चक्रवात का असर ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और तेलंगाना समेत सात राज्यों में देखने को मिल सकता है।
ओडिशा के सभी 30 जिले अलर्ट पर रखे गए हैं, जबकि आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा, कोनसीमा, अलीूर, पश्चिम गोदावरी, कृष्णा, गुंटूर, भटला, प्रकाशम, एस.पी. नेल्लोर और एस.आर. नेल्लोर जिलों में सबसे ज्यादा खतरा बताया गया है।
तमिलनाडु के चेन्नई, तिरुवल्लूर और रानीपेट जिलों में भी मोंथा के प्रभाव से भारी बारिश और तेज़ हवाओं की आशंका जताई जा रही है।
रेड अलर्ट जारी, समुद्र में ऊँची लहरों की चेतावनी
मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। अनुमान है कि 28 और 29 अक्टूबर को इन इलाकों में बहुत भारी से अति भारी बारिश हो सकती है।
विभाग ने यह भी चेताया है कि समुद्र में ऊँची लहरें उठेंगी और तटीय इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
इसी वजह से मछुआरों को 29 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है।
प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर
राज्य सरकारें और प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क हैं। आपदा प्रबंधन टीमों को तटीय जिलों में तैनात कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, कुड्डा लोर जिले में एहतियात के तौर पर 10,000 नौकाएं खाड़ी में खड़ी कर दी गई हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
वहीं दमकल विभाग और NDRF की टीमें भी उच्च सतर्कता पर रखी गई हैं।
स्थानीय प्रशासन द्वारा तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
चेन्नई में शुरू हुई हल्की बारिश
तूफान ‘मोंथा’ के असर से चेन्नई में हल्की फुहारें शुरू हो चुकी हैं, जो आने वाले घंटों में तेज़ बारिश में बदल सकती हैं।
वहीं, आंध्र प्रदेश के तटीय हिस्सों में तेज़ हवाएं और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई जा रही है।
उत्तर भारत तक पहुंचेगा असर
दिल्ली-NCR में भी अगले तीन दिनों तक मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है।
IMD के अनुसार, अगले 24 घंटों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना है, जबकि 29 अक्टूबर के बाद तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
वहीं, उत्तर प्रदेश में भी अगले चार दिनों तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
बिहार में भी बंगाल की खाड़ी से उठे इस चक्रवात का प्रभाव 29 से 31 अक्टूबर के बीच दिख सकता है, जहां कई जिलों में हल्की बारिश और कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज के आसार हैं।
IMD का कहना है कि ‘मोंथा’ अगले 24 घंटे बेहद अहम हैं, क्योंकि इसी दौरान इसकी दिशा और तीव्रता तय होगी।
यदि यह तूफान 110 किमी/घंटा की रफ्तार तक पहुंचता है, तो पेड़ उखड़ने, बिजली के खंभे गिरने और निचले इलाकों में जलभराव जैसी स्थिति बन सकती है।
लोगों से अपील की गई है कि समुद्र के किनारे या निचले इलाकों में न जाएं, और सरकारी निर्देशों का पालन करें।
तटीय जिलों में स्कूलों और सरकारी दफ्तरों को भी अस्थायी रूप से बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
