“AI ने छीनी 3000 नौकरियाँ: 20 मिनट की ऑनलाइन मीटिंग में कंपनी का बड़ा फैसला”

Oracle Layoffs 2025: 3000 कर्मचारियों की नौकरी गई, भारत पर भी बड़ा असर

नई दिल्ली: टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बार फिर हलचल मच गई है। दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी Oracle ने अपने क्लाउड डिवीजन में बड़े पैमाने पर छंटनी की है। कंपनी ने लगभग 3000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह छंटनी खास तौर पर Oracle Cloud Infrastructure (OCI) Division में हुई है, जिसमें इंजीनियरिंग, डाटा सेंटर संचालन और AI/ML प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।

20 मिनट की ऑनलाइन मीटिंग में नौकरी खत्म

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई कर्मचारियों को सिर्फ 20 मिनट की ऑनलाइन मीटिंग में यह झटका दे दिया गया। उन्हें साफ कहा गया कि आगे का काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन के ज़रिए किया जाएगा। इस फैसले से कर्मचारी हताश और आक्रोशित नज़र आ रहे हैं।

भारत और अमेरिका दोनों पर असर

इस छंटनी का सबसे बड़ा असर भारत और अमेरिका में काम करने वाली टीमों पर पड़ा है। अनुमान है कि अकेले भारत में लगभग 1000 से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित हुए हैं, जबकि बाकी अमेरिका और अन्य देशों में कार्यरत थे। Oracle का क्लाउड डिवीजन कंपनी के भविष्य की रणनीति का अहम हिस्सा माना जाता था, लेकिन अब वहां भी लागत कम करने और AI पर निर्भरता बढ़ाने की तैयारी तेज हो गई है।

कर्मचारियों का दर्द

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे LinkedIn और Reddit पर प्रभावित कर्मचारियों ने अपने अनुभव साझा किए हैं। किसी ने लिखा कि “कंपनी ने हमें सालों तक काम करवाया और अचानक एक दिन हमें कह दिया गया कि अब तुम्हारी ज़रूरत नहीं है।” वहीं कुछ का कहना है कि Oracle की यह छंटनी सिर्फ खर्च कम करने का तरीका है।

AI और OpenAI से साझेदारी

रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि Oracle ने हाल ही में OpenAI के साथ एक बड़ा समझौता किया है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में कंपनी अपने क्लाउड प्लेटफॉर्म पर AI आधारित सर्विसेज़ को और मजबूत करेगी। इसका सीधा मतलब है कि जिन कामों के लिए पहले हजारों इंजीनियर और ऑपरेशन स्टाफ की ज़रूरत होती थी, उन्हें अब AI टूल्स और मशीन लर्निंग सिस्टम पूरा करेंगे।

इंडस्ट्री के लिए संकेत

विशेषज्ञों का मानना है कि Oracle की यह छंटनी आने वाले समय की एक झलक है। IT इंडस्ट्री में AI और ऑटोमेशन का इस्तेमाल बढ़ने के साथ-साथ नौकरियों में कटौती और तेज़ होगी। खास तौर पर मिड-लेवल इंजीनियर और सपोर्ट स्टाफ पर इसका ज्यादा असर पड़ सकता है।

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