कुरनूल बस हादसा: नशे की लापरवाही ने ली 20 जानें, बाइक सवार या बस ड्राइवर — आखिर किसकी थी गलती?

कुरनूल बस हादसा: नशे की लापरवाही ने छीन ली 20 ज़िंदगियाँ, फोरेंसिक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले से निकली एक बस हादसे की दर्दनाक कहानी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बेंगलुरु जा रही इस बस में लगी भीषण आग में 20 लोगों की मौत हो गई, जिनमें कई परिवारों के सदस्य एक साथ सफर कर रहे थे। शुरुआती जांच में हादसे के कई कारण सामने आए, लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट ने इस पूरे मामले की सच्चाई उजागर कर दी है — यह हादसा किसी तकनीकी खराबी या बस चालक की गलती से नहीं, बल्कि नशे में धुत बाइक सवारों की लापरवाही से हुआ था।

कैसे हुआ यह दर्दनाक हादसा

यह हादसा 24 अक्टूबर की रात करीब दो बजे कुरनूल जिले के चिन्ना टेकुरु गांव के पास हुआ। बेंगलुरु की ओर जा रही प्राइवेट बस अपने निर्धारित रास्ते पर थी कि अचानक सामने से एक बाइक सवार जोड़ी — शिव शंकर और एरी स्वामी, अपनी बाइक पर तेज़ रफ्तार से आ गए। दोनों ने कुछ देर पहले ही एक ढाबे पर खाना खाया था और शराब भी पी रखी थी।

बाइक फिसली और दोनों सड़क पर गिर पड़े। इसी बीच सामने से आ रही बस उन पर चढ़ गई। बाइक बस के नीचे घसीटती चली गई, जिससे उसका फ्यूल टैंक फट गया और पलभर में बस में आग भड़क उठी। देखते ही देखते लपटों ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। यात्रियों में चीख-पुकार मच गई, कई लोग खिड़कियां तोड़कर बाहर निकले, लेकिन 44 यात्रियों में से 19 लोग जिंदा जल गए।

फोरेंसिक जांच में सामने आई सच्चाई

शुरुआत में इस हादसे को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं — किसी ने कहा कि बस में मोबाइल बैटरियों के फटने से आग लगी, तो किसी ने ड्राइवर को दोषी ठहराया। लेकिन अब फोरेंसिक जांच ने साफ कर दिया है कि दोनों बाइक सवार शराब के नशे में थे।
कुरनूल रेंज के डीआईजी कोया प्रवीण ने पीटीआई से बातचीत में बताया, “हमें फोरेंसिक पुष्टि मिली है कि दोनों युवक नशे में थे। पहले से हमें शक था, लेकिन साक्ष्यों की पुष्टि के बाद अब यह बात स्पष्ट हो गई है।”

हादसे की भयावह रात

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि हादसे से कुछ ही मिनट पहले दोनों युवक एचपी पेट्रोल पंप पर रुके थे, जहां उन्होंने पेट्रोल भरवाया। वहां लगे CCTV फुटेज में शिव शंकर को बाइक लहराते और लापरवाही से चलते देखा गया। पेट्रोल भरवाने के बाद जब वे आगे बढ़े, तो बाइक फिसल गई और दोनों गिर पड़े।
शिव शंकर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि स्वामी ने जब दोस्त को बचाने की कोशिश की, तभी बस आ गई और बाइक को घसीटते हुए ले गई। कुछ ही सेकंड में बस धधक उठी, और यात्रियों की चीखों से पूरा इलाका गूंज उठा।

ड्राइवर ने बचाने की कोशिश की, लेकिन…

बस चालक ने आग लगने के तुरंत बाद बस रोक दी और यात्रियों को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी तेजी से फैल गई कि कुछ ही क्षणों में पूरा वाहन जलकर खाक हो गया। जो लोग पीछे की सीटों पर थे, वे खिड़कियां तोड़कर बाहर कूद पाए, लेकिन आगे बैठे कई यात्री लपटों में फंस गए।

पुलिस की सख्त प्रतिक्रिया

इस दर्दनाक हादसे के बाद हैदराबाद पुलिस ने बड़ा बयान दिया। एक ट्वीट में पुलिस ने कहा,

“जो लोग नशे में गाड़ी चलाते हैं, वे आतंकियों से कम नहीं। ऐसे लोगों की वजह से मासूमों की जान चली जाती है।”

पुलिस ने चेतावनी दी है कि अब से ड्रंक ड्राइविंग को ‘आतंकवादी कृत्य’ की तरह देखा जाएगा और ऐसे चालकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

समाज के लिए बड़ा सबक

कुरनूल का यह हादसा सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि नशे और लापरवाही की कीमत पर टिकी चेतावनी है। दो युवकों की शराब पीकर की गई गलती ने 20 निर्दोष लोगों की जान ले ली, कई परिवारों को हमेशा के लिए तोड़ दिया।

हर त्योहार, हर जश्न और हर सफर में एक बात याद रखनी चाहिए —
“सड़क पर शराब नहीं, होश का होना ज़रूरी है।”
क्योंकि नशे में किया गया एक फैसला, न जाने कितनी जिंदगियों का अंत बन सकता है।

Leave a Comment