“जवानी में बढ़ रहा डायबिटीज़ का खतरा! अगर दिखें ये 5 संकेत, तो हो जाएं सावधान”

अब बुज़ुर्ग नहीं, जवान भी शुगर के शिकार! जानिए कैसे बचें डायबिटीज़ के खतरे से

कभी डायबिटीज़ को बुज़ुर्गों की बीमारी कहा जाता था। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। 25 से 35 साल के युवाओं में भी यह बीमारी तेजी से फैल रही है। वजह है — गलत खान-पान, भागदौड़ भरी ज़िंदगी, नींद की कमी और बढ़ता तनाव। भारत को आज “डायबिटीज़ कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड” कहा जाता है, और यह कोई गर्व की बात नहीं है।

ICMR-INDIAB 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 10 करोड़ से ज़्यादा लोग डायबिटीज़ के मरीज हैं, जबकि 14 करोड़ से अधिक लोग प्री-डायबिटिक हैं — यानी अभी उन्हें बीमारी नहीं हुई, लेकिन अगर उन्होंने लाइफस्टाइल नहीं बदली तो अगले कुछ सालों में डायबिटीज़ होना तय है।

मोटा ही नहीं, दुबला भी हो सकता है डायबिटिक

अक्सर लोग मान लेते हैं कि डायबिटीज़ सिर्फ मोटे लोगों को होती है। लेकिन डॉक्टर बताते हैं कि यह एक गलतफहमी है। दुबले-पतले दिखने वाले लोग भी अंदर से “मेटाबॉलिकली अनहेल्दी” हो सकते हैं।
हॉर्मोन केयर एंड रिसर्च सेंटर, गाज़ियाबाद के डॉ. पंकज अग्रवाल बताते हैं —

“कई लोग बाहर से दुबले होते हैं, लेकिन उनके शरीर में फैट जमा होता है, जिसे हम ‘विसरल फैट’ कहते हैं। यह फैट लिवर और पैंक्रियाज़ पर असर डालता है और इंसुलिन को ठीक से काम नहीं करने देता। यही आगे चलकर डायबिटीज़ में बदल जाता है।”

भारत में करीब 70% लोगों की मेटाबॉलिक हेल्थ सही नहीं है, यानी उनका ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर सामान्य नहीं रहता। यह स्थिति भविष्य में गंभीर बीमारियों का संकेत है।

क्यों बढ़ रही है युवाओं में डायबिटीज़?

इंदौर के श्री अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के डॉ. सुबोध बंजाल के मुताबिक –

“आज की युवा पीढ़ी का खान-पान बेहद खराब है। दिन की शुरुआत चाय-कॉफी से होती है, फिर जंक फूड, बर्गर, पिज़्ज़ा, कोल्ड ड्रिंक और देर रात तक मोबाइल चलाना। शरीर को आराम नहीं मिलता और इंसुलिन का संतुलन बिगड़ जाता है। यही डायबिटीज़ की जड़ है।”

सिर्फ खान-पान ही नहीं, स्ट्रेस और नींद की कमी भी बड़ा कारण हैं। तनाव के समय शरीर ‘कॉर्टिसोल’ नाम का हार्मोन रिलीज़ करता है, जो ब्लड शुगर को बढ़ा देता है। जब यह प्रक्रिया रोज़ाना दोहराई जाती है, तो धीरे-धीरे डायबिटीज़ का खतरा बढ़ जाता है।

क्या डायबिटीज़ को रोका जा सकता है?

जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के डॉ. बलराम शर्मा कहते हैं –

“डायबिटीज़ कोई ऐसी बीमारी नहीं है जिसे टाला न जा सके। अगर समय रहते पता चल जाए और इंसान अपनी दिनचर्या सुधार ले, तो इसे न सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है बल्कि कई मामलों में पूरी तरह रोका भी जा सकता है।”

वे बताते हैं कि कुछ आसान बदलाव हर किसी को करने चाहिए:

  1. रेगुलर हेल्थ चेकअप करें: हर 6 महीने में शुगर लेवल, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर की जांच ज़रूर करवाएं।
  2. सही खाना खाएं: चीनी, तली चीज़ें और पैकेट फूड से दूरी बनाएं। फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज और दालें अपने आहार में शामिल करें।
  3. रोज़ाना 30 मिनट एक्सरसाइज करें: वॉकिंग, योग, या साइकिल चलाना जैसे साधारण एक्सरसाइज भी असरदार हैं।
  4. तनाव से दूर रहें: मेडिटेशन, संगीत या हॉबी में समय बिताना स्ट्रेस कम करता है।
  5. अच्छी नींद लें: 7 से 8 घंटे की नींद इंसुलिन को संतुलित रखती है।

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