
दिल्ली-एनसीआर फिर हुई गैस चेंबर में तब्दील, दीपावली से पहले हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुँची — GRAP स्टेज-2 लागू, अब सड़कों पर घटेगी गाड़ियों की रफ्तार और रुकेगा निर्माण कार्य
दीपावली से ठीक पहले दिल्ली-एनसीआर की हवा ने फिर से चिंता बढ़ा दी है। राजधानी में वायु गुणवत्ता इतनी बिगड़ चुकी है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने GRAP (Graded Response Action Plan) के स्टेज-2 के नियम लागू कर दिए हैं। यानी अब दिल्ली में प्रदूषण से राहत पाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
रविवार शाम तक हालात और बिगड़ गए। शाम 4 बजे जहां AQI 296 था, वहीं 7 बजे तक यह बढ़कर 302 हो गया — जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।
इन गतिविधियों पर लगेगी रोक
GRAP स्टेज-2 लागू होते ही दिल्ली-एनसीआर में कई प्रतिबंधों की घोषणा कर दी गई है।
अब मुख्य रूप से सड़कों पर वाहनों की संख्या सीमित की जाएगी, ताकि धुआं कम निकले। साथ ही, निर्माण कार्यों पर रोक रहेगी और धूल उड़ने से बचाने के लिए विशेष उपाय किए जाएंगे।
सरकारी गाड़ियों के इस्तेमाल को भी सीमित किया जाएगा।
सड़कों पर पानी का छिड़काव और एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा ताकि हवा में मौजूद धूल को नीचे बैठाया जा सके।
अगर अगले कुछ दिनों में हवा की स्थिति में सुधार नहीं होता, तो सरकार GRAP स्टेज-3 यानी और सख्त नियम लागू करने पर भी विचार कर सकती है।
राजधानी के कई इलाकों में ‘सांस लेना मुश्किल’
रविवार को दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में हवा बेहद खराब दर्ज की गई।
बवाना (303), वजीरपुर (361), विवेक विहार (358), जहांगीरपुरी (314), नेहरू नगर (310), द्वारका (327) और आरके पुरम (322) जैसे क्षेत्रों में AQI 300 से ऊपर दर्ज हुआ — यानी हवा इतनी खराब कि सांस लेने में दिक्कत होना तय है।
कई अन्य इलाकों में भी AQI 200 से 300 के बीच रहा, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।
दिल्ली ही नहीं, एनसीआर भी बेहाल
दिल्ली की सीमाओं से सटे शहरों की हालत भी अच्छी नहीं है।
फरीदाबाद में AQI 158, गाजियाबाद 173, ग्रेटर नोएडा 172, और नोएडा 158 दर्ज किया गया।
यानी पूरा एनसीआर प्रदूषण की चपेट में है।
दीपावली पर और बिगड़ेंगे हालात
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लोगों ने दीपावली पर पटाखे जलाए, तो प्रदूषण का स्तर और कई गुना बढ़ सकता है।
पहले से ही ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच चुकी हवा ‘गंभीर’ या ‘आपात’ श्रेणी में जा सकती है।
फिलहाल, प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक वाहन प्रयोग न करें, धूल फैलाने वाले कार्यों से बचें और बच्चों व बुजुर्गों को सुबह-शाम घर से बाहर निकलने से रोकें।
दिल्ली एक बार फिर उस मोड़ पर खड़ी है जहां सांस लेना भी चुनौती बन गया है — अब देखना ये है कि GRAP के ये सख्त नियम कितनी राहत दिला पाते हैं।