
रूस के वैज्ञानिक का दावा: इंसान 150 साल तक स्वस्थ जीवन जी सकता है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।
इंसान सदियों से लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की तलाश में रहा है। हर कोई चाहता है कि उसकी जिंदगी लंबी हो, लेकिन बीमारी और उम्र बढ़ने की प्राकृतिक प्रक्रिया इसके रास्ते में सबसे बड़ी बाधा बनती रही है। अब रूस के वैज्ञानिक विटाली कोवालेव ने इस दिशा में एक बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि आधुनिक विज्ञान की मदद से इंसान की उम्र बढ़ने की गति को इतना धीमा किया जा सकता है कि लोग 150 साल तक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
पहले से ही तत्व तैयार करने का दावा
विटाली कोवालेव, जो वोल्गोग्राद स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के परियोजना कार्यालय के प्रमुख विशेषज्ञ और बायोपॉलिटिक्स चैनल के संचालक हैं, के अनुसार, ऐसा होने की संभावना बहुत जल्द वास्तविकता में बदल सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोग हमारे बीच पहले से ही मौजूद हो सकते हैं। उनका अनुमान है कि 150 साल तक जीने वाले लोग आज के समय में 20, 30 या 40 साल के बीच की उम्र के हो सकते हैं। यह सोच ही कितनी रोमांचक है कि हमारे आसपास ऐसे लोग हैं जो भविष्य में दीर्घायु का अनुभव कर सकते हैं।
वैज्ञानिक का मानना है कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को पूरी तरह से उलटना असंभव नहीं है। प्रयोगशालाओं में पहले ही ऐसे तत्व तैयार किए जा चुके हैं, जो इसे सिद्धांतत: संभव बना सकते हैं। हालांकि वर्तमान में कोई ऐसी तकनीक नहीं है, जो विश्वसनीय रूप से जीवनकाल को 150 साल तक बढ़ा सके, लेकिन वैज्ञानिकों ने उम्र बढ़ने के तंत्र को समझने में अद्भुत प्रगति की है।
कोवालेव ने बताया कि आधुनिक चिकित्सा में विकसित “जेरोप्रोटेक्टर्स” नामक पद्धति, उम्र बढ़ने की गति को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। ये एजिंग रोकने वाली दवाएं और तकनीकें शरीर में कुछ ऐसे कारकों को नियंत्रित करती हैं, जो मधुमेह, हृदय रोग और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं। इसका मतलब है कि सिर्फ जीवन की लंबाई ही नहीं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ाई जा सकती है।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि विज्ञान धीरे-धीरे उम्र बढ़ने के पीछे छिपे तंत्र को समझने की दिशा में अग्रसर है। अगर अगले दो दशकों में ये शोध सफल होते हैं, तो हम शायद ऐसे युग में प्रवेश करेंगे, जहाँ इंसान सिर्फ लंबी उम्र ही नहीं, बल्कि स्वस्थ और सक्रिय जीवन का भी आनंद ले सकेगा।
इस विषय ने राजनीतिक और वैश्विक ध्यान भी खींचा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर में हुई बातचीत का एक हॉट माइक रिकॉर्ड हुआ, जिसमें दोनों नेताओं ने उम्र बढ़ने और दीर्घायु पर चर्चा की। बाद में पुतिन ने इस बातचीत की पुष्टि करते हुए कहा कि आधुनिक चिकित्सा लंबे और स्वस्थ जीवन की उम्मीद जगाती है। यह दर्शाता है कि लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन सिर्फ व्यक्तिगत महत्व का नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी गंभीर विषय बन चुका है।
विटाली कोवालेव के अनुसार, अगले बीस साल में विज्ञान का यह क्षेत्र और भी विकसित होगा। उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए तैयार की जा रही तकनीकें भविष्य में हर किसी के लिए सुलभ हो सकती हैं। यह संभावना मानव जीवन के लिए एक नई क्रांति लेकर आ सकती है। कल्पना कीजिए, ऐसे युग में लोग न सिर्फ 100 साल, बल्कि 150 साल तक सक्रिय, स्वस्थ और जीवन से भरपूर रह सकते हैं।
अंततः यह कहना गलत नहीं होगा कि विज्ञान और तकनीक के इस युग में उम्र की सीमा अब केवल एक संख्या रह सकती है। अगर विटाली कोवालेव और अन्य वैज्ञानिक अपने अनुसंधान में सफल होते हैं, तो मानव जीवन का मानक बदल सकता है। लंबे और स्वस्थ जीवन का सपना अब सिर्फ कल्पना नहीं, बल्कि आने वाले समय की संभावित वास्तविकता बन सकता है।