
महाराष्ट्र में आसमानी आफत: बंगाल की खाड़ी के दबाव से बरसी तबाही, गरबा–डांडिया का मज़ा किरकिरा, दशहरे पर भी भारी बारिश का अलर्ट
नागपुर: बंगाल की खाड़ी में बना तेज़ निम्न दबाव का क्षेत्र इस वक्त महाराष्ट्र के कई हिस्सों में तबाही बनकर बरस रहा है। आसमान से लगातार झमाझम बारिश ने जहां लोगों की रफ्तार थाम दी है, वहीं खेतों में पानी भर जाने से किसान भी परेशान हैं। सबसे ज्यादा असर विदर्भ, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और कोकण क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग ने 30 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
🌧️ बारिश ने बरपाया कहर
पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र के कई जिलों में बादल गरज-गरज कर बरस रहे हैं। नागपुर, यवतमाल, वर्धा, अमरावती, चंद्रपुर और गोंदिया जैसे जिलों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जगह-जगह जलभराव हो गया है, निचले इलाकों में पानी घुसने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यवतमाल और वर्धा जिलों में तो हालात इतने बिगड़ गए कि कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। खेतों में खड़ी कपास और सोयाबीन की फसलें पानी में डूब गईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। वहीं, सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हैं और लोगों को अपने घरों तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है।
🌧️ विदर्भ में गरबा–डांडिया का मज़ा हुआ फीका
इस बार की बारिश ने नवरात्रि की रंगत पर भी पानी फेर दिया है। नौ दिनों तक चलने वाले गरबा और डांडिया उत्सवों का जोश बारिश की बूंदों में ठंडा पड़ गया। नागपुर, अकोला, और अमरावती में कई आयोजकों को अपने कार्यक्रम रद्द करने पड़े।
जहां एक ओर लोगों ने महीनों पहले गरबा–डांडिया की तैयारियां शुरू की थीं, वहीं लगातार हो रही बारिश ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। जगह-जगह पंडालों में पानी भर गया, ध्वनि उपकरण भीग गए, और लोग निराश होकर घरों में ही रह गए। बारिश के कारण कई इलाकों में बिजली आपूर्ति भी बाधित रही।
एक स्थानीय आयोजक ने बताया – “हर साल हजारों लोग गरबा में शामिल होते हैं, लेकिन इस बार बारिश ने सारा माहौल बिगाड़ दिया। कार्यक्रम स्थगित करने पड़े, क्योंकि सुरक्षा भी हमारी जिम्मेदारी है।”
⚡ दशहरे पर भी बरस सकते हैं बादल
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बारिश का यह दौर अभी थमने वाला नहीं है। दशहरे के दिन यानी 12 अक्टूबर तक विदर्भ और आसपास के इलाकों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। नागपुर समेत पूरे क्षेत्र में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बना यह निम्न दबाव क्षेत्र धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। इससे अगले कुछ दिनों तक कोकण, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में भी तेज बारिश हो सकती है।
🚜 किसानों को भारी नुकसान
जहां शहरों में लोग गरबा का आनंद नहीं ले पाए, वहीं गांवों में किसानों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। कपास, सोयाबीन और तुअर जैसी फसलों को भारी बारिश ने बर्बाद कर दिया है। खेतों में पानी भर जाने से फसलें सड़ने लगी हैं। कई जगहों पर किसान अब सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
यवतमाल जिले के एक किसान ने कहा – “हमने सोचा था कि इस बार अच्छी पैदावार होगी, लेकिन इतनी बारिश ने सब खत्म कर दिया। अब फसल तो गई ही, ऊपर से खेतों को भी नुकसान हुआ है।”
🚨 सरकार और प्रशासन अलर्ट पर
प्रशासन ने बारिश की गंभीरता को देखते हुए राहत दलों को सतर्क कर दिया है। जहां भी बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है, वहां एनडीआरएफ की टीमें तैनात की जा रही हैं। नागपुर, वर्धा और यवतमाल जिलों में स्कूल–कॉलेज भी अस्थायी रूप से बंद किए गए हैं।
☁️ आसमान में छाए काले बादल, त्योहारों पर साया
नवरात्रि के बाद अब दशहरे पर भी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। लोग रावण दहन और जुलूस की तैयारियां तो कर रहे हैं, लेकिन आसमान में छाए काले बादलों को देखकर उनके चेहरों पर चिंता साफ झलक रही है।
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक बाहर न निकलें और किसी भी तरह के जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें।
