“नागपुर का सुनहरा भविष्य: स्मार्ट सिटी से इंटरनेशनल डेस्टिनेशन तक”

नया नागपुर: स्मार्ट सिटी से इंटरनेशनल सिटी बनने की उड़ान

विदर्भ की धरती पर अब एक नया इतिहास रचने की तैयारी है। नागपुर, जिसे पहले केवल मध्य भारत का संतुलित शहर और ऑरेंज सिटी कहा जाता था, अब जल्द ही भारत के सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय बिजनेस और टेक्नोलॉजी हब के रूप में पहचाना जाएगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुआई में महायुति सरकार ने नागपुर को नया रूप देने वाले “नया नागपुर” मेगा प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है।

यह सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं बल्कि विदर्भ की उड़ान है। जैसे मुंबई के पास नवी मुंबई, हैदराबाद के पास साइबर सिटी और गुजरात की गिफ्ट सिटी है, वैसे ही नागपुर को अब हाई-टेक, वर्ल्ड-क्लास सिटी बनाने का सपना साकार होने जा रहा है।


692 हेक्टेयर में फैला होगा नया नागपुर

नया नागपुर प्रोजेक्ट नागपुर जिले के हिंगना तहसील के गोधनी, ऋथि और लाडगांव क्षेत्र में करीब 692 हेक्टेयर जमीन पर विकसित किया जाएगा। यह शहर अंतरराष्ट्रीय बिजनेस और फाइनेंस सेंटर के रूप में तैयार होगा। योजना है कि लगभग 10,710 एकड़ में फैले इस मेगा प्रोजेक्ट को अगले 15 सालों में तीन चरणों में पूरा किया जाए।

यहां केवल एक कॉरपोरेट पार्क ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के बिजनेस को आकर्षित करने वाला चुंबकीय हब बनाया जाएगा। स्टार्टअप, MSME, आईटी कंपनियां और बड़े कॉरपोरेट्स यहां बिना किसी रुकावट के काम शुरू कर सकेंगे क्योंकि प्रोजेक्ट पूरी तरह प्लग-एंड-प्ले मॉडल पर आधारित होगा।


इंटरनेशनल लेवल का इंफ्रास्ट्रक्चर

नया नागपुर पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर की तकनीक और सुविधाओं से लैस होगा। यहां की खासियत होगी —

अंडरग्राउंड यूटिलिटी टनल, जिसमें बिजली, पानी, गैस और ड्रेनेज की लाइनों को एक साथ डाला जाएगा।

  • स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग और डिजिटल विज्ञापन बोर्ड।
  • ऑटोमेटिक वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम।
  • हाई-स्पीड इंटरनेट और डेटा सेंटर हब।
  • स्मार्ट ऑफिस स्पेस और आधुनिक लॉजिस्टिक पार्क।

इस पूरे क्षेत्र में रिहायशी और मिक्स्ड-यूज ज़ोन भी होंगे ताकि लोग काम और घर दोनों की सुविधा एक ही जगह पा सकें।


तीसरा आउटर रिंग रोड देगा नई ताकत

नया नागपुर प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा बोनस है तीसरा आउटर रिंग रोड। फिलहाल शहर में दो रिंग रोड हैं, लेकिन तीसरे रिंग रोड से यहां की कनेक्टिविटी कई गुना मजबूत हो जाएगी। औद्योगिक गतिविधियों का माल बिना ट्रैफिक जाम में फंसे आसानी से महाराष्ट्र और पूरे देश तक पहुंच सकेगा। यह नागपुर को एक सुपर-लिंक्ड बिजनेस हब के रूप में स्थापित करेगा।


  • 6500 करोड़ का निवेश
  • इस मेगा प्रोजेक्ट पर लगभग ₹6500 करोड़ का खर्च किया जाएगा।
  • ₹3000 करोड़ भूमि अधिग्रहण पर
  • ₹500 करोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर
  • और अतिरिक्त ₹45 करोड़ की मंजूरी भी दी गई है।

इसके लिए HUDCO से लोन लिया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि यह निवेश नागपुर को न केवल आईटी और फिनटेक हब बनाए, बल्कि पूरे देश का प्रमुख लॉजिस्टिक सेंटर भी तैयार करे।


किसानों के लिए सुनहरा मौका

इस प्रोजेक्ट ने जहां उद्योगों और निवेशकों में उत्साह जगाया है, वहीं किसानों को भी बड़ा लाभ मिल रहा है। जिन इलाकों में यह प्रोजेक्ट विकसित हो रहा है, वहां जमीन की कीमतों में कई गुना उछाल आया है। पहले जहां जमीन 30-40 लाख प्रति एकड़ थी, अब यह 60 लाख से लेकर 5 करोड़ प्रति एकड़ तक पहुंच गई है।

किसानों को लाभ देने के लिए उन्हें अमृत योजना में शामिल किया गया है। इस तरह नया नागपुर सिर्फ कॉरपोरेट्स का नहीं बल्कि किसानों का भी सपना पूरा करेगा।


रोजगार के सुनहरे अवसर

अनुमान है कि इस प्रोजेक्ट से 5 लाख से भी अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। खासकर आईटी सेवाओं और स्टार्टअप सेक्टर में युवाओं को सुनहरे मौके मिलेंगे। नागपुर के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और मेडिकल छात्र अब नौकरी की तलाश में मुंबई या बेंगलुरु नहीं जाएंगे। उन्हें अपने ही शहर में वर्ल्ड क्लास अवसर मिलेंगे।


क्यों है नया नागपुर खास?

  • विदर्भ को मिलेगा ग्लोबल पहचान।
  • नागपुर बनेगा फिनटेक और आईटी हब
  • पूरे भारत का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक सेंटर तैयार होगा।
  • युवाओं को लाखों रोजगार।
  • किसानों की जमीनों का मूल्य कई गुना बढ़ा।
  • अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और स्मार्ट सिटी मॉडल।

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