कमचटका में जोरदार झटके, समुद्र में उठ सकता है सुनामी का खतरा

रूस के कमचटका में 7.8 तीव्रता का भूकंप: सुनामी का अलर्ट जारी

रूस के कमचटका प्रायद्वीप को एक बार फिर ज़ोरदार झटका महसूस हुआ है। शुक्रवार सुबह यहां 7.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने पूरे इलाके को हिला दिया। अमेरिकी भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र ज़मीन से मात्र 10 किलोमीटर की गहराई में था। झटके इतने तेज़ थे कि कई इलाकों में लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए।

सुनामी का खतरा

भूकंप के बाद अमेरिकी राष्ट्रीय मौसम सेवा के प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने सुनामी की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है। कमचटका क्षेत्र के गवर्नर ने भी लोगों को सतर्क रहने और बचाव दल को पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। अभी तक किसी बड़े नुकसान या जनहानि की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिति ख़तरे से खाली नहीं है।

तीन महीने में चौथा बड़ा भूकंप

पिछले तीन महीनों में यह चौथा मौका है जब 7 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप कमचटका और आसपास के क्षेत्रों में दर्ज किया गया है। इससे पहले जुलाई में यहां 8.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने भारी तबाही मचाई थी। उस वक्त रूस के साथ-साथ प्रशांत महासागर से लगे कई देशों में सुनामी की चेतावनी जारी करनी पड़ी थी।

क्यों है कमचटका भूकंपों का हॉटस्पॉट?

कमचटका प्रायद्वीप रूस के सबसे भूकंप-प्रवण और खतरनाक क्षेत्रों में से एक माना जाता है। लगभग 1200 किलोमीटर लंबे इस इलाके को दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंप और ज्वालामुखी ज़ोन में गिना जाता है। यह क्षेत्र प्रशांत रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है, जहां लगातार टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल बनी रहती है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, कमचटका के नीचे प्रशांत प्लेट, उत्तरी अमेरिकी प्लेट और ओखोट्सक माइक्रो प्लेट आपस में टकराती हैं। यही वजह है कि यहां लगातार भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते हैं। इसे रूस का “आपदा हॉटस्पॉट” भी कहा जाता है।

भूकंप की तीव्रता और असर

भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है।

  • 0 से 1.9 तक के भूकंप केवल सीज्मोग्राफ पर दर्ज होते हैं, आम लोग इन्हें महसूस नहीं करते।
  • 2 से 2.9 तीव्रता तक केवल हल्का कंपन महसूस होता है।
  • 3 से 3.9 का झटका ऐसा लगता है जैसे पास से कोई भारी वाहन गुज़रा हो।
  • 4 से 4.9 में घरों से सामान गिर सकता है।
  • 5 से 5.9 पर फर्नीचर और बड़ी चीज़ें हिलने लगती हैं।
  • 6 से 6.9 में इमारतों में दरारें आ सकती हैं।
  • 7 से 7.9 तीव्रता पर इमारतें ढह सकती हैं।
  • 8 से 8.9 वाले भूकंप सुनामी का बड़ा खतरा खड़ा कर देते हैं।
  • 9 से अधिक तीव्रता का भूकंप विनाशकारी साबित होता है और बड़े पैमाने पर तबाही ला सकता है।

कमचटका में शुक्रवार को आया भूकंप इसी श्रेणी का था जिसमें इमारतों को नुकसान और सुनामी का खतरा सबसे बड़ा माना जा रहा है।

लोगों की चिंता और प्रशासन की तैयारी

स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव टीमों को अलर्ट पर रखा है। गवर्नर ने कहा है कि अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन हालात पर नज़र रखी जा रही है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समुद्र के भीतर हलचल जारी रही तो सुनामी की संभावना और बढ़ सकती है।

निष्कर्ष

कमचटका का यह इलाका टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों के कारण हमेशा ही भूकंप की चपेट में रहता है। जुलाई में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद अब एक बार फिर 7.8 की तीव्रता ने लोगों को डरा दिया है। लगातार आ रहे इन झटकों ने साफ कर दिया है कि यह इलाका आने वाले समय में और भी बड़े भूकंप का गवाह बन सकता है। इसीलिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां लगातार अलर्ट जारी कर रही हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।

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