
CBSE बोर्ड का नया नियम: अब 10वीं और 12वीं की परीक्षा में बैठने के लिए ज़रूरी हैं 75% अटेंडेंस और 2 साल की पढ़ाई
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने एक नया पब्लिक नोटिस 15 सितम्बर 2025 को जारी किया है, जिसमें साफ कहा गया है कि अब कोई भी छात्र तभी परीक्षा में बैठ सकेगा, जब वह CBSE की तय शर्तों को पूरा करेगा। यह नियम साल 2026 से लागू होंगे।
इस नोटिस में कुल 7 अहम पॉइंट्स बताए गए हैं। आइए जानते हैं विस्तार से –
1️⃣ दो साल की पढ़ाई अनिवार्य
CBSE ने साफ किया है कि किसी भी छात्र को 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने के लिए कम से कम दो साल तक CBSE से मान्यता प्राप्त स्कूल में लगातार अध्ययन करना होगा। यानी सीधे प्राइवेट से या बीच में जुड़कर परीक्षा देने का विकल्प अब आसान नहीं होगा।
2️⃣ 75% उपस्थिति ज़रूरी
बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए छात्र की कम से कम 75% अटेंडेंस होना ज़रूरी है। पहले कई बार छात्र कम उपस्थिति के बावजूद परीक्षा में बैठ जाते थे, लेकिन अब यह संभव नहीं होगा। विशेष परिस्थितियों (बीमारी आदि) में ही प्रिंसिपल और बोर्ड की अनुमति से राहत मिल सकती है।
3️⃣ इंटरनल असेसमेंट पर फोकस
CBSE ने यह भी कहा है कि केवल लिखित परीक्षा ही नहीं, बल्कि इंटरनल असेसमेंट, प्रैक्टिकल्स और प्रोजेक्ट वर्क भी बेहद अहम होंगे। स्कूलों को छात्रों का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा और इसे बोर्ड के साथ साझा करना होगा।
4️⃣ ऐडिशनल सब्जेक्ट्स की सुविधा
छात्रों को अब अपने मुख्य विषयों के साथ-साथ अतिरिक्त विषय चुनने की सुविधा दी जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि यदि कोई छात्र किसी एक विषय में फेल होता है, तो अतिरिक्त विषय से उसकी मार्कशीट को बैलेंस किया जा सकेगा।
5️⃣ स्कूल और विषयों का नियम
बोर्ड ने साफ किया है कि छात्र केवल उन्हीं विषयों की परीक्षा दे पाएंगे जो उनके स्कूल में उपलब्ध हैं और जिनमें उन्होंने नियमित अध्ययन किया है। यानी बाहर से विषय जोड़कर परीक्षा देना अब आसान नहीं होगा।
6️⃣ कम्पार्टमेंट और “विशेष रिपीट”
अगर कोई छात्र फेल होता है तो उसे कम्पार्टमेंट परीक्षा का मौका मिलेगा। साथ ही बोर्ड ने “स्पेशल रिपीट” का विकल्प भी रखा है, ताकि छात्र एक अतिरिक्त बार अपनी कक्षा को दोहरा सके। यह सुविधा उन छात्रों के लिए राहत है जो किसी वजह से पास नहीं हो पाते।
7️⃣ रेगुलर और प्राइवेट छात्रों के लिए नियम
बोर्ड ने रेगुलर और प्राइवेट छात्रों दोनों के लिए अलग-अलग गाइडलाइन बनाई हैं। हालांकि बोर्ड ने यह साफ किया है कि सभी छात्रों को नियमित पढ़ाई और उपस्थिति पर ध्यान देना होगा।