“यही है असली संजीवनी बूटी : एंटी-एजिंग सी बकथॉर्न”


यही है असली संजीवनी बूटी – सी बकथॉर्न

दोस्तों, आज हम आपको एक ऐसी जादुई बेरी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर शायद आप हैरान रह जाएँगे। यह कोई आम फल नहीं है बल्कि प्रकृति का दिया हुआ एक अनमोल खज़ाना है – सी बकथॉर्न (Sea Buckthorn)। इसे दुनिया भर में “एंटी-एजिंग बेरी” के नाम से जाना जाता है। क्यों? क्योंकि यह हमारी बढ़ती उम्र को थाम लेने की ताकत रखती है।

सोचिए, अगर आपके पास ऐसी कोई प्राकृतिक औषधि हो जो आपको जवां बनाए रखे, दिल को मजबूत करे, डायबिटीज़ और किडनी की समस्याओं से बचाए, दिमाग़ को तेज रखे, हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे और साथ ही आपकी त्वचा को निखार दे – तो क्या आप उसे “संजीवनी बूटी” नहीं कहेंगे? यही तो है सी बकथॉर्न की असली पहचान।

सी बकथॉर्न क्यों है ख़ास?

इस छोटे से फल में विटामिन C, विटामिन E, ओमेगा-3, ओमेगा-6, ओमेगा-7 और ओमेगा-9 जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा पौधा है जिसमें इतने सारे न्यूट्रिशनल कॉम्बिनेशन एक साथ मौजूद हैं। यही वजह है कि इसे खाने से शरीर अंदर से रिपेयर होता है और चेहरे पर निखार अलग ही झलकता है।

दिल के लिए वरदान – हार्ट ब्लॉकेज और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं में बेहद कारगर।

डायबिटीज़ कंट्रोल – ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करता है।

किडनी और लीवर की सुरक्षा – टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर अंगों को स्वस्थ रखता है।

ब्रेन हेल्थ – दिमाग़ को तेज, एक्टिव और स्ट्रॉन्ग बनाता है।

स्किन और हेयर – झुर्रियाँ रोकता है, चेहरे को ग्लो देता है और बालों को जड़ से मजबूत करता है।

यानी एक ही बेरी, और सैकड़ों फायदे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी माना इसकी ताक़त

हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने एक भाषण में सी बकथॉर्न का ज़िक्र करते हुए कहा था कि यह बेरी इतनी अद्भुत है कि इसके काम करने की ताकत हम सोच भी नहीं सकते। यह बात साबित करती है कि सरकार स्तर पर भी इसके महत्व को पहचाना जा चुका है।

क्यों नहीं पहुँची ज़्यादा लोगों तक?

इतने सारे फायदे होने के बावजूद, यह बेरी लंबे समय तक लोगों तक नहीं पहुँच सकी। वजह थी जागरूकता की कमी और सही उत्पादन का अभाव। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।

सी बकथॉर्न गुरु बायोसेश कंपनी के एमडी और फाउंडर श्री अर्जुन खन्ना जी की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। उन्होंने 1993 में अपनी आयुर्वेदिक मेडिसिन फैक्ट्री शुरू की। इसके बाद साल 2004 से उन्होंने सी बकथॉर्न पर रिसर्च और प्रोडक्शन का काम शुरू किया। 2004 में ही उन्होंने पहली फैक्ट्री स्थापित की और ठान लिया कि इस “जादुई बेरी” को हर घर तक पहुँचाना है।

आज उनकी मेहनत और रिसर्च की वजह से लाखों लोग सी बकथॉर्न का लाभ ले पा रहे हैं और अपनी बीमारियों से छुटकारा पा रहे हैं। अरुण खन्ना जी कहते हैं – “सी बकथॉर्न मेरी ज़िंदगी की कहानी है। मैंने इसे अपनाया और यह मेरी पहचान बन गई।”

नतीजा – असली संजीवनी बूटी

दोस्तों, यह कोई साधारण फल नहीं, बल्कि वास्तव में प्रकृति की असली संजीवनी बूटी है। अगर आप अपनी सेहत, सौंदर्य और लंबी उम्र चाहते हैं तो सी बकथॉर्न को अपनी दिनचर्या का हिस्सा ज़रूर बनाइए।

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