असम में भूकंप का कहर, दहशत में घरों से बाहर निकले लोग

असम में भूकंप से हड़कंप, लोग घरों से बाहर निकले

असम में एक बार फिर धरती कांपी और लोगों में हड़कंप मच गया। शनिवार सुबह 4:41 मिनट पर आए इस भूकंप ने नींद में सोए लोगों को झकझोर कर रख दिया। तेज़ झटकों के चलते लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। इस बार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.9 मापी गई, जिसका केंद्र असम के धीकियाजुली से 16 किलोमीटर दूर रहा।

भूकंप इतना तेज़ था कि सिर्फ असम ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल, नेपाल और यहां तक कि चीन तक इसके झटके महसूस किए गए। लगातार आ रहे भूकंप के झटकों ने लोगों के बीच डर का माहौल बना दिया है।

लगातार झटके से चिंता बढ़ी

विशेषज्ञों का कहना है कि महज एक महीने के भीतर 7 बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। उनका साफ कहना है कि बार-बार आने वाले भूकंप किसी बड़े खतरे का संकेत हो सकते हैं। हालांकि, भूकंप की भविष्यवाणी करना संभव नहीं है, लेकिन इस तरह की घटनाएं सवाल जरूर खड़े करती हैं कि कहीं धरती के भीतर कुछ बड़ा तो नहीं brewing हो रहा।

प्रशासन अलर्ट पर, लोग दहशत में

हालांकि राहत की बात यह रही कि इस बार भूकंप से किसी बड़ी जान-माल की हानि की खबर नहीं है। फिर भी कई जगहों पर पुराने मकानों में दरारें पड़ीं और कुछ घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है और लोगों से अपील कर रहा है कि वे अफवाहों से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

लोगों का कहना है कि सुबह के वक्त अचानक धरती का हिलना बेहद डरावना था। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं घबराकर खुले मैदानों की ओर भागे। भूकंप के बाद कई इलाकों में लोग देर तक अपने घरों के बाहर ही डरे-सहमे खड़े रहे।

अगर महानगरों में आता ऐसा झटका?

भूकंप की तीव्रता को लेकर विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर यही 5.9 की तीव्रता वाला झटका दिल्ली या मुंबई जैसे बड़े शहरों में आता, तो तबाही का मंजर और भी भयावह हो सकता था। असम और पूर्वोत्तर भारत भूकंप संभावित जोन में आता है, जिस वजह से यहां इस तरह की घटनाएं बार-बार देखने को मिलती हैं।

लोगों में डर, लेकिन जागरूकता जरूरी

असम के लोग अब लगातार आ रहे भूकंप को लेकर दहशत में हैं। कई परिवारों ने अपने घरों में सुरक्षित स्थान तलाशना शुरू कर दिया है। वहीं, भूवैज्ञानिकों का मानना है कि लोगों को जागरूक होना बेहद ज़रूरी है, ताकि ऐसी प्राकृतिक आपदाओं में घबराने के बजाय सही तरीके से बचाव किया जा सके।

फिलहाल राहत की बात यही है कि प्रशासन ने किसी तरह की बड़ी हानि से इंकार किया है। लेकिन सवाल यह जरूर उठ रहा है कि अगर आने वाले दिनों में भूकंप और ज़ोरदार आया तो क्या हालात संभाल पाना आसान होगा?

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