भारत को मिला नया उपराष्ट्रपति: सी.पी. राधाकृष्णन की ऐतिहासिक जीत, अब शपथ का इंतज़ार
भारत की राजनीति में मंगलवार का दिन ऐतिहासिक बन गया। देश को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है और लंबे समय से चल रहा इंतजार आखिरकार खत्म हुआ। एनडीए (NDA) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन भारी बहुमत से जीत दर्ज कर भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुन लिए गए हैं।
मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में सी.पी. राधाकृष्णन ने विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुधर्शन रेड्डी को करारी शिकस्त दी। कुल 788 सांसदों में से 767 ने मतदान किया। इसमें राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि सुधर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। यानी राधाकृष्णन ने 152 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल कर विपक्ष को साफ संदेश दिया कि संसद में उनकी स्वीकार्यता और लोकप्रियता बेहद मजबूत है।
अब शपथ ग्रहण का इंतजार

चुनाव परिणाम घोषित होने के साथ ही अब पूरे देश की नजरें उनके शपथ ग्रहण समारोह पर टिक गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, सी.पी. राधाकृष्णन 12 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें उपराष्ट्रपति पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी। यह पल भारत की लोकतांत्रिक परंपरा का एक और स्वर्णिम अध्याय होगा।
बधाइयों की बौछार
जैसे ही उनकी जीत का ऐलान हुआ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राधाकृष्णन से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जीत लोकतंत्र और जनता के विश्वास की जीत है। वहीं, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी पत्र लिखकर उन्हें शुभकामनाएँ दीं और इसे जनता का विश्वास करार दिया।
कौन हैं सी.पी. राधाकृष्णन?
67 वर्षीय राधाकृष्णन लंबे समय से राजनीति और प्रशासन से जुड़े हुए हैं। वे संगठनात्मक क्षमता, सरल स्वभाव और दृढ़ राजनीतिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में उन्होंने राज्य के विकास और जनता से जुड़ी पहलों में सक्रिय योगदान दिया। यही वजह रही कि एनडीए ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया और परिणाम सामने है—एक शानदार जीत।
विपक्ष को बड़ा झटका
यह चुनाव विपक्ष के लिए बड़ा झटका साबित हुआ। इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुधर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें अपेक्षा से कम वोट मिले। राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह परिणाम संसद में विपक्ष की रणनीति पर सवाल खड़े करता है और एनडीए की मजबूत पकड़ को दर्शाता है।
निष्कर्ष
भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए सी.पी. राधाकृष्णन की यह जीत न सिर्फ उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है बल्कि आने वाले वर्षों में संसद की कार्यवाही में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी दर्शाती है। अब पूरा देश 12 सितंबर का इंतजार कर रहा है जब वे राष्ट्रपति भवन में शपथ लेकर आधिकारिक रूप से इस गरिमामय पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।
यह क्षण भारत की लोकतांत्रिक यात्रा का नया अध्याय है, जो बताता है कि सही नेतृत्व और जनता का विश्वास किसी भी चुनौती को पार कर सकता है।