
महाकाल की नगरी में ‘आसमान का प्रहार’
बादल फटने से तबाही, शिप्रा नदी उफान पर – डूबे घाट और मंदिर, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
मध्यप्रदेश इन दिनों कुदरत के कहर से जूझ रहा है। महाकाल की नगरी उज्जैन में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। लगातार बारिश और बादल फटने से शिप्रा नदी उफान पर है। घाट किनारे बने मंदिर और दुकानें पानी में डूब चुकी हैं। श्रद्धालुओं को घाट की ओर जाने से रोका जा रहा है। सुरक्षा के मद्देनज़र SDRF की टीम और तैराक दल मौके पर तैनात कर दिए गए हैं। घाटों पर हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है और लोग आसमानी आफत से बेहद परेशान हैं।
उज्जैन में डूबे घाट – श्रद्धालु बेबस
शिप्रा नदी अपने पूरे वेग पर है। महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को प्रशासन ने घाटों पर जाने से रोक दिया है। जलस्तर इतना बढ़ गया है कि किनारे की दुकानों और मंदिरों में पानी घुस चुका है। आम लोगों के घरों तक पानी पहुंचने का खतरा बढ़ गया है। उज्जैन जैसे पवित्र शहर में लोग अपने घरों और दुकानों का सामान बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन नदी का उफान सब कुछ बहा ले जाने पर आमादा है।
‘जल प्रहार’ – खुले बांधों के गेट
लगातार बारिश के चलते प्रदेश के बड़े-बड़े डैम भी उफान पर हैं। हालात काबू से बाहर न हों, इसके लिए प्रशासन ने कई बांधों के गेट खोल दिए हैं।
इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खोल दिए गए, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
कुंडालिया डैम (आगर-मालवा) के 6 गेट खोलने पड़े।
माही डैम (झाबुआ) के गेट भी खोले गए और अलर्ट जारी किया गया।
खंडवा और ओंकारेश्वर से भी पानी छोड़ा गया।
इन सबके चलते प्रदेश के 36 जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है। निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है।
राजस्थान भी डूबा – अजमेर में बांध टूटा
मध्यप्रदेश ही नहीं, पड़ोसी राज्य राजस्थान भी पानी-पानी है। अजमेर में हालात बेहद गंभीर हैं। बांध की पाल टूटने से सैकड़ों घर जलमग्न हो गए। सड़कों पर नदी जैसी धाराएं बह रही हैं। जगह-जगह घरों में पानी घुस गया है। करीब 70–80 मकानों को खाली कराया गया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। टूटी दीवारें, बिखरे सामान और बेघर हुए परिवार यहां की दर्दनाक तस्वीर बयान कर रहे हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही।
तबाही का मंजर – जिंदगी हुई लाचार
मध्यप्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में लोग बेबस और लाचार महसूस कर रहे हैं।
- घरों में घुसा पानी, टूटी दीवारें और बिखरे सामान ने जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है।
- खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो रही हैं।
- सड़कों पर नाव जैसी हालत है, लोग आने-जाने के लिए परेशान हैं।
- बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन लगातार जुटा हुआ है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने साफ कर दिया है कि अभी हालात और बिगड़ सकते हैं। आने वाले दिनों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। प्रशासन लगातार निचले इलाकों में रहने वालों से अपील कर रहा है कि वे सतर्क रहें और संभव हो तो सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।