विदेशी निवेशकों का भारत पर बड़ा दांव! 2025 में फाइनेंशियल सेक्टर में झोंके 65,000 करोड़ रुपए, बढ़ा भरोसा और उम्मीदें

विदेशी निवेशकों का भारत के फाइनेंशियल सेक्टर पर भरोसा, 2025 में 65,000 करोड़ से ज्यादा का निवेश – बैंकों को मिलेगी नई उड़ान

नई दिल्ली:
भारत का फाइनेंशियल सेक्टर इन दिनों विदेशी निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य बन गया है। साल 2025 में अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) में करीब 65,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। यह रुझान न केवल भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति को दर्शाता है बल्कि यह भी साबित करता है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स भारत की ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा बनना चाहते हैं।

भारत के वित्तीय क्षेत्र पर विदेशी निवेशकों की नजर

भारत के तेजी से बढ़ते फाइनेंशियल सेक्टर में ब्लैकस्टोन, अमीरात एनबीडी, इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC), सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) जैसे दिग्गज वैश्विक निवेशकों ने भारी रुचि दिखाई है। ये निवेश भारत की निजी बैंकों और एनबीएफसी में किए गए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि विदेशी पूंजी भारत के बैंकिंग ढांचे को और मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रही है।

ब्लैकस्टोन का फेडरल बैंक में बड़ा कदम

वैश्विक एसेट मैनेजमेंट की दिग्गज कंपनी ब्लैकस्टोन ने फेडरल बैंक में 9.99% हिस्सेदारी के लिए 6,196 करोड़ रुपए के निवेश का ऐलान किया है। इस डील के तहत फेडरल बैंक ब्लैकस्टोन को 27.29 करोड़ वारंट्स जारी करेगा, जिनकी कीमत 227 रुपए प्रति वारंट तय की गई है। यह निवेश न केवल फेडरल बैंक के लिए पूंजी का बड़ा स्रोत साबित होगा बल्कि बैंक की विस्तार योजनाओं को भी गति देगा।

अमीरात एनबीडी की आरबीएल बैंक में एंट्री

यूएई के दूसरे सबसे बड़े बैंक अमीरात एनबीडी (Emirates NBD) ने भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी डील में से एक करते हुए आरबीएल बैंक में 26,853 करोड़ रुपए का निवेश करने की घोषणा की है। इस डील के तहत अमीरात एनबीडी, आरबीएल बैंक में 60% हिस्सेदारी हासिल करेगा। इससे भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में मिड-साइज बैंकों को नई प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी।

सम्मान कैपिटल में अबू धाबी की बड़ी डील

अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की कि वह भारतीय एनबीएफसी सम्मान कैपिटल में एक अरब डॉलर (करीब 8,850 करोड़ रुपए) का निवेश करेगी। इसके बदले IHC को कंपनी में 41% हिस्सेदारी दी जाएगी। यह सौदा इस बात का प्रमाण है कि भारत के माइक्रो-फाइनेंस और लोन सेक्टर में विदेशी कंपनियों को जबरदस्त संभावनाएं नजर आ रही हैं।

जापान का बढ़ता भरोसा – यस बैंक में SMBC की हिस्सेदारी

जापान की मशहूर बैंकिंग संस्था सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) ने मई 2025 में यस बैंक में 20% हिस्सेदारी खरीदी थी। कुछ महीनों के भीतर ही SMBC ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 24.2% कर दी। इस पूरी डील का आकार करीब 15,000 करोड़ रुपए का रहा। यह निवेश न केवल यस बैंक की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा बल्कि जापान-भारत के आर्थिक संबंधों को भी नई दिशा देगा।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में वारबर्ग पिंकस और ADIA का निवेश

अप्रैल 2025 में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने प्राइवेट इक्विटी फर्म वारबर्ग पिंकस और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) से कुल 7,500 करोड़ रुपए जुटाने की घोषणा की। इसमें से 5,000 करोड़ वारबर्ग पिंकस और 2,600 करोड़ ADIA की ओर से निवेश किए गए। इस पूंजी से बैंक को रिटेल और डिजिटल बैंकिंग के क्षेत्र में अपने नेटवर्क को विस्तार देने में मदद मिलेगी।

भारतीय बैंकों को मिलेगी नई रफ्तार

इन बड़े सौदों से यह साफ झलकता है कि भारत का फाइनेंशियल सेक्टर अब वैश्विक पूंजी के केंद्र में आ चुका है। विदेशी निवेशकों का भरोसा भारत की स्थिर नीतियों, डिजिटल ट्रांजैक्शन की बढ़ती ताकत और मजबूत आर्थिक ढांचे पर आधारित है। इन निवेशों से न केवल भारतीय बैंकों को पूंजी मिलेगी बल्कि रोजगार, क्रेडिट ग्रोथ और तकनीकी नवाचार में भी तेजी आएगी।

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