बागपत ट्रिपल मर्डर केस: मौलाना के पूरे परिवार की दर्दनाक मौत, 6 घंटे में पकड़ा गया मासूम चेहरों वाला हैवान

बागपत ट्रिपल मर्डर केस: दो नाबालिगों की खौफनाक साजिश ने हिला दी इंसानियत, 6 घंटे में पुलिस ने किया पर्दाफाश

उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले के गांगनौली गांव की एक मस्जिद से निकली खबर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। यह कोई आम अपराध नहीं था, बल्कि ऐसा दिल दहला देने वाला कांड था, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। जिस मासूम उम्र में बच्चों के हाथों में किताबें होनी चाहिए थीं, उसी उम्र में दो नाबालिगों ने खून से अपने हाथ रंग लिए।

पिटाई का बदला बना खूनी खेल

पुलिस जांच में जो सच्चाई सामने आई, उसने हर किसी की रूह कंपा दी। दोनों नाबालिग आरोपी उसी मौलाना के छात्र थे, जिनकी पत्नी और दो बेटियों की उन्होंने बेरहमी से हत्या कर दी। पूछताछ के दौरान दोनों ने अपना गुनाह कबूल करते हुए बताया कि उन्होंने यह सब “बदले” की आग में किया। मौलाना अक्सर पढ़ाई में गलती करने पर उन्हें डांटते और पीटते थे। शनिवार को भी मौलाना ने उनमें से एक को सरेआम डांटा था। यह अपमान और गुस्सा नाबालिगों के सिर पर इस कदर सवार हुआ कि उन्होंने खौफनाक योजना बना डाली।

मौलाना के देवबंद जाते ही रची साजिश

शनिवार की दोपहर मौलाना किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देवबंद चले गए। उनके घर से निकलते ही दोनों छात्रों ने मौका देखा और अपनी साजिश को अंजाम देने निकल पड़े। उनमें से एक छात्र अपने घर से हथौड़ा और छुरी लेकर आया। रात गहराने लगी और मौलाना का परिवार मस्जिद के ऊपरी कमरे में सो गया। तभी दोनों नाबालिगों ने अंदर घुसकर खौफनाक हमला बोल दिया।

सोते हुए परिजनों पर बरसी दरिंदगी

पहले उन्होंने मौलाना की पत्नी इसराना पर हथौड़ा और छुरी से वार किए। फिर उनकी दोनों मासूम बेटियों – सोफिया और सुम्या – पर हमला किया। दोनों बच्चियों को तड़पा-तड़पाकर मार डाला गया। घटना के बाद उन्होंने दोनों बच्चियों की लाशों को एक चारपाई पर डाल दिया, जबकि मौलाना की पत्नी का शव फर्श पर पड़ा मिला। कमरा खून से सराबोर था – दीवारें, फर्श, चारपाई, हर जगह खून ही खून।

शनिवार की दोपहर जब लोग मस्जिद पहुंचे, तो अंदर का नजारा देख उनकी सांसें थम गईं। किसी ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। बागपत पुलिस के लिए यह मामला किसी चुनौती से कम नहीं था।

पुलिस की फुर्ती – 6 घंटे में सुलझा केस

एसपी सूरज राय ने खुद मोर्चा संभाला और 7 टीमें बनाईं। फील्ड यूनिट को मौके से फिंगरप्रिंट और डीएनए के नमूने इकट्ठा करने के निर्देश दिए गए। जांच के दौरान पुलिस को मस्जिद के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में एक नाबालिग संदिग्ध दिखाई दिया, जो कैमरा बंद करने की कोशिश कर रहा था। इसी फुटेज ने पुलिस को कड़ी तक पहुंचा दिया।

नाबालिग को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई, तो उसने पूरी वारदात कबूल कर ली। उसने बताया कि उसने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हथौड़ा और छुरी बरामद कर ली।

गांव में मातम, लोग अब भी सन्न

गांगनौली गांव में अब सन्नाटा पसरा है। जो मस्जिद कभी इबादत की जगह थी, वहां अब लोग खून के निशान देखने से डर रहे हैं। मौलाना इब्राहीम जब देवबंद से लौटे, तो अपनी पत्नी और बच्चियों को मृत देखकर बेहाल हो उठे। गांव के लोग भी यकीन नहीं कर पा रहे कि उनके बीच पढ़ने वाले दो बच्चे ऐसी दरिंदगी कर सकते हैं।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच

पुलिस ने दोनों नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेज दिया है। अधिकारियों का कहना है कि यह मामला केवल हत्या नहीं बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है – बच्चों में बढ़ता गुस्सा, हिंसा और अनुशासन की कमी किस तरह विकराल रूप ले सकती है।

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