
नेपाल में तबाही: मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से 51 की मौत, पीएम मोदी ने जताया दुख — कहा, “भारत नेपाल के साथ है”
नेपाल में बीते कुछ दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने भयानक तबाही मचाई है। देश के कई इलाकों में भारी बारिश के चलते बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, पूर्वी नेपाल के अलग-अलग हिस्सों में अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। बारिश से घर, सड़कें और पुल बह गए हैं, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
नेपाल की इस विनाशकारी आपदा पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि,
“नेपाल में भारी बारिश से हुई जनहानि और क्षति अत्यंत दुखद है। इस कठिन समय में हम नेपाल की जनता और सरकार के साथ हैं। भारत हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश एक बार फिर भारत-नेपाल की गहरी मित्रता को दर्शाता है। भारत ने हमेशा की तरह तुरंत मदद की पेशकश की है और नेपाल की आपदा प्रबंधन एजेंसियों से संपर्क बनाए हुए है।
बारिश से मची तबाही: सबसे ज्यादा नुकसान पूर्वी नेपाल में
राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण (NDRRMA) के अनुसार, देउमाई और माईजोगमाई नगरपालिका क्षेत्रों में आठ-आठ लोगों की जान गई है। इसके अलावा इलम नगरपालिका और संदकपुर ग्रामीण नगरपालिका में छह-छह, मंगसेबुंग में तीन और फाकफोकथुम गांव में एक व्यक्ति की मौत हुई है।
भूस्खलन और बाढ़ से उदयपुर में दो और पंचथार में एक व्यक्ति की मौत हुई है। वहीं रौतहट जिले में बिजली गिरने से तीन और खोतांग जिले में दो लोगों की जान चली गई।
सबसे दर्दनाक हादसा पंचथार जिले में हुआ, जहां भारी बारिश से सड़क धंस जाने के कारण हुई दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई।
कई लोग अब भी लापता
रसुवा जिले के लांगटांग संरक्षण क्षेत्र में उफनती नदी में बह जाने से कम से कम चार लोग लापता हैं। इसी तरह इलम, बारा और काठमांडू में भी बाढ़ की घटनाओं में तीन और लोग लापता हैं। लांगटांग क्षेत्र में ट्रैकिंग के लिए गए 16 लोगों के दल में से चार लोगों का अब तक कोई पता नहीं चला है।
नेपाल सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल (APF) के जवान लगातार राहत-बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। सेना ने हेलीकॉप्टर की मदद से इलम जिले से एक गर्भवती महिला सहित चार लोगों को सुरक्षित निकाला है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पांच प्रांतों में सक्रिय मानसून
नेपाल के सात प्रांतों में से पांच प्रांतों — कोशी, मधेश, बागमती, गण्डकी और लुम्बिनी — में मानसून सक्रिय है। इन इलाकों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे नदी-नालों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।
नेपाल सरकार ने जारी किया रेड अलर्ट
लगातार बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए नेपाल सरकार ने काठमांडू समेत कई जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। बागमती और पूर्वी राप्ती नदियों के किनारे बसे क्षेत्रों को सबसे अधिक खतरा बताया गया है। अधिकारियों ने काठमांडू घाटी में वाहनों के प्रवेश और निकास पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है ताकि किसी बड़ी दुर्घटना को रोका जा सके।
हालांकि, रविवार (5 अक्टूबर, 2025) को मौसम में थोड़ा सुधार देखा गया। इसके बाद नेपाल सरकार ने आपातकालीन सेवाओं, मालवाहक ट्रकों और छोटे वाहनों को सीमित रूप से आवाजाही की अनुमति दी है। फिर भी रात में वाहनों के चलने पर प्रतिबंध बरकरार है, क्योंकि कई जगह सड़कों पर भूस्खलन की वजह से फिसलन बनी हुई है।
हवाई सेवाएं भी प्रभावित
बारिश का असर हवाई यातायात पर भी पड़ा है। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (TIA) से शनिवार को सभी घरेलू उड़ानें रद्द कर दी गईं। काठमांडू, भरतपुर, जनकपुर, भद्रपुर, पोखरा और तुमलिंगतार जाने वाली उड़ानों को अगली सूचना तक रोक दिया गया है।
भारत ने जताई संवेदना और मदद की पेशकश
नेपाल की इस त्रासदी ने भारत को भी झकझोर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत इस संकट की घड़ी में नेपाल के साथ खड़ा है और “एक मित्रवत पड़ोसी तथा प्रथम प्रतिक्रियादाता” के रूप में हर संभव सहायता देगा।
भारत पहले भी नेपाल में आए भूकंप और बाढ़ जैसी आपदाओं में तुरंत मदद पहुंचा चुका है। इस बार भी राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता भेजने की तैयारी की जा रही है।