देहरादून में भीषण क्लाउडबर्स्ट, जनजीवन अस्त-व्यस्त

बादलों का रौद्र रूप: उत्तराखंड से हिमाचल तक तबाही, सहस्त्रधारा में क़यामत का मंजर

कुछ दिनों की शांति के बाद आसमान से आफ़त फिर बरसने लगी है। उत्तराखंड से लेकर हिमाचल और महाराष्ट्र तक बादलों ने अपना रौद्र रूप दिखा दिया है। सबसे भयावह हालात उत्तराखंड की राजधानी देहरादुन में बने, जहाँ मशहूर टूरिस्ट डेस्टिनेशन सहस्त्रधारा में बादल फट गया। देखते ही देखते पानी का सैलाब आया और पूरे इलाके में तबाही मच गई।

सहस्त्रधारा में तबाही का मंजर

देहरादुन के सहस्त्रधारा में अचानक आए पानी ने कई होटल, दुकानें और रिसॉर्ट पूरी तरह तबाह कर दिए। मकानों में पानी घुस गया और लोग जान बचाने के लिए छतों और ऊँचे स्थानों की ओर भागे। तामसा नदी और करलीगढ़ नाला उफान पर हैं। हालात इतने बिगड़ गए कि लोग अपने घरों से जरूरी सामान उठाकर सुरक्षित जगहों की ओर पलायन करने लगे। महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्गों को ग्रामीण कंधों पर उठाकर बाहर निकालते नज़र आए।

अब तक 300 से 400 लोगों को SDRF और NDRF की टीमों ने सुरक्षित रेस्क्यू किया है। कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। सहस्त्रधारा बाज़ार में दुकानों और घरों का सारा सामान बह गया। गाड़ीगढ़ इलाके में भी बादल फटने के बाद भारी मलबा आ गया। यहां लगभग 100 लोग मलबे में दब गए थे, जिन्हें ग्रामीणों ने बड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला।

बिजली के खंभे पर चढ़ा शख्स

इस सैलाब के बीच एक दिल दहला देने वाला दृश्य भी सामने आया। एक शख्स पानी से बचने के लिए बिजली के खंभे पर चढ़ गया था। घंटों तक वह ऊपर फंसा रहा। बाद में NDRF का एक बहादुर जवान अपनी जान जोखिम में डालकर उसे सुरक्षित नीचे लेकर आया। यह दृश्य लोगों की आंखों में डर और राहत दोनों भर गया।

शहर के कई हिस्से जलमग्न

देहरादुन के मुख्य बाज़ार, टपकेश्वर मंदिर, फन पार्क और देवभूमि इंस्टीट्यूट समेत कई इलाके पूरी तरह पानी में डूब गए। देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा। सहस्त्रधारा में उस वक्त कई पर्यटक मौजूद थे, जिन्हें तुरंत बाहर निकाला गया।

हिमाचल और महाराष्ट्र भी आफ़त की चपेट में

उधर, हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भी बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएँ लगातार हो रही हैं। इस मानसून सीजन में सबसे ज्यादा तबाही यहीं देखी गई है। सड़कों पर मलबा भर गया है, कई गाँवों का संपर्क कट चुका है और लोग लगातार खतरे के साए में जी रहे हैं।

महाराष्ट्र के वाशीम समेत कई जिलों में भी भारी बारिश से नदियाँ-नाले उफान पर हैं। कई घरों में पानी घुस गया है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

क़यामत की रात

देहरादुन की यह रात लोगों के लिए क़यामत की रात साबित हुई। सहस्त्रधारा और आसपास के इलाकों में अचानक आई इस आपदा ने लोगों को डरा दिया है। लोग अब भी डरे-सहमे हैं कि कब फिर बादल फट जाए और सब कुछ बहा ले जाए।

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