
दिल्ली को दहलाने की साजिश नाकाम: ‘गजवा-ए-हिंद’ के आतंकी बेनकाब, सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा हमला टाल दिया!
देश अभी पहलगाम आतंकी हमले के ज़ख्मों को भुला भी नहीं पाया था कि पाकिस्तान के आकाों ने फिर से एक नई खौफनाक साजिश रचनी शुरू कर दी। इस बार निशाने पर था भारत का दिल — राजधानी दिल्ली। लेकिन देश की सतर्क सुरक्षा एजेंसियों ने इस अंतरराष्ट्रीय साजिश को नवरात्रि से पहले ही एक्सपोज़ कर दिया, और एक बड़े आतंकी हमले को नाकाम बना दिया।
‘गजवा-ए-हिंद’ की नई साजिश का खुलासा
जांच एजेंसियों के मुताबिक, आतंकवादी संगठन ISIS के नेटवर्क से जुड़े पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, जो भारत में ‘गजवा-ए-हिंद’ नाम से एक नया मॉड्यूल तैयार कर रहे थे। इन आतंकियों का मकसद था नवरात्रि के दौरान दिल्ली में सीरियल धमाके करना, ताकि पूरे देश में दहशत फैलाई जा सके और सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ा जा सके।
गिरफ्तार आतंकियों की पहचान
जिन पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम हैं —
- आफ़ताब अंसारी
- सुफियान अबू बकर
- अशहार दानिश
- कमरान कुरैशी
- हजैफ़ा यामन
इनमें से अशहार दानिश को झारखंड से गिरफ्तार किया गया है, और उसके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक केमिकल्स बरामद किए गए हैं। जांच में पता चला है कि यही दानिश इस मॉड्यूल का ‘सेंट्रल फिगर’ (मुख्य सूत्रधार) था, जो पाकिस्तान से मिले निर्देशों पर काम कर रहा था।
हमले की पूरी तैयारी थी पूरी
सुरक्षा एजेंसियों ने खुलासा किया कि इन आतंकियों ने हथियार जुटाने से लेकर बम बनाने तक की पूरी तैयारी कर ली थी।
कमरान कुरैशी को मध्य प्रदेश से पकड़ा गया, जहां वह विस्फोटक सामग्री एकत्र कर रहा था।
हजैफ़ा यामन को तेलंगाना से गिरफ्तार किया गया, जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए दूसरे मॉड्यूल्स से संपर्क में था।
बाक़ी तीन आतंकियों की गिरफ्तारी दिल्ली और उत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों से हुई है।
जांच एजेंसियों का कहना है कि इन आतंकियों को “बॉर्डर पार से बड़े आतंकी हमले का आदेश” मिला था। पाकिस्तान के आतंकी आकाओं ने इन्हें निर्देश दिया था कि “दिल्ली में ऐसा हमला करो जो पूरे भारत को हिला दे।”
एजेंसियों की त्वरित कार्रवाई से टला बड़ा खतरा
जैसे ही इनपुट मिला कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में कुछ संदिग्ध सक्रिय हैं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने मिलकर पैन-इंडिया ऑपरेशन शुरू किया।
लगातार 72 घंटे चले इस अभियान में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई और आतंकियों को दबोच लिया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि ये लोग सोशल मीडिया और डार्क वेब के ज़रिए आतंक का नेटवर्क फैला रहे थे, ताकि नए युवाओं को कट्टरपंथ के नाम पर भर्ती किया जा सके।
नवरात्रि से पहले दहशत फैलाने की थी योजना
नवरात्रि के दौरान राजधानी दिल्ली में लाखों श्रद्धालु मंदिरों और पंडालों में जुटते हैं। इसी भीड़भाड़ वाले मौके का फायदा उठाने के लिए इन आतंकियों ने सटीक लोकेशन चुन रखी थी, जहां विस्फोट से अधिकतम नुकसान हो सकता था।
लेकिन समय रहते सुरक्षा एजेंसियों ने इस “डेडली प्लान” को नाकाम कर दिया।
एजेंसियों की सतर्कता से बचा देश बड़ा हादसा
अगर ये साजिश सफल होती, तो दिल्ली समेत पूरा देश एक बार फिर खून और दहशत के माहौल में डूब सकता था।
सुरक्षा एजेंसियों की तेज़ी, खुफिया नेटवर्क की चौकसी और तकनीकी ट्रैकिंग की बदौलत भारत एक बड़े आतंकी हमले से बच गया।
अब आगे क्या?
सभी गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ जारी है और एजेंसियां अब इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों की तलाश में हैं।
प्रारंभिक जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि यह मॉड्यूल ISIS-K (खुरासान ग्रुप) से जुड़ा हुआ है, जो भारत में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।