
कर्नाटक के SBI बैंक में दिनदहाड़े करोड़ों की लूट, 58 किलो सोना और 8 करोड़ नकद गायब
कर्नाटक में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक शाखा से दिनदहाड़े हुई डकैती ने पूरे देश को हिला दिया है। लुटेरों ने न सिर्फ बैंक के भीतर से करोड़ों की नकदी और सोना पार कर दिया, बल्कि बैंक कर्मचारियों को बंधक बनाकर वारदात को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि करीब 58 किलो सोना और लगभग 8 करोड़ रुपये नकद लुटेरों के हाथ लगे हैं। यह अब तक की सबसे बड़ी बैंक डकैती मानी जा रही है।
पहले से रची गई थी साज़िश
जांच में सामने आया है कि लुटेरों ने इस वारदात की तैयारी काफी पहले से कर रखी थी। बैंक के सीसीटीवी कैमरों पर भी उनकी पैनी नज़र थी। पूरी घटना से साफ़ है कि लुटेरों ने पहले से बैंक की गतिविधियों की रेकी की और कर्मचारियों की दिनचर्या पर नज़र रखी। इसके बाद ही उन्होंने इस बड़ी लूट को अंजाम दिया।
बैंक कर्मचारी बने बंधक
घटना के समय बैंक के भीतर मौजूद कर्मचारियों को लुटेरों ने हथियारों के बल पर बंधक बना लिया। सभी के मोबाइल फोन छीन लिए गए और किसी को बाहर से संपर्क करने का मौका नहीं दिया गया। कुछ देर तक बैंक के भीतर अफरातफरी का माहौल बना रहा, और फिर लुटेरे भारी मात्रा में नकदी और सोना लेकर फरार हो गए।
महाराष्ट्र में मिली लुटेरों की कार
वारदात के बाद पुलिस ने तुरंत नाकेबंदी शुरू की। खोजबीन के दौरान महाराष्ट्र के पंढरपुर इलाके में संदिग्ध लुटेरों की कार बरामद की गई है। माना जा रहा है कि वारदात के बाद लुटेरे कर्नाटक से भागकर महाराष्ट्र की ओर निकले थे। अब कर्नाटक और महाराष्ट्र पुलिस मिलकर इस मामले की तफ्तीश कर रही है।
पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
इतनी बड़ी डकैती के बाद पुलिस के सामने कई चुनौतियाँ हैं। पहला सवाल यह है कि आखिर लुटेरों को बैंक की अंदरूनी जानकारी कैसे मिली? क्या इसमें किसी अंदरूनी व्यक्ति की संलिप्तता है? दूसरा, इतने बड़े पैमाने पर नकदी और सोना कहां छिपाया जा सकता है और किस चैनल से आगे ले जाया जाएगा?
जांच एजेंसियों का मानना है कि इस वारदात के पीछे संगठित गिरोह का हाथ हो सकता है। फिलहाल पुलिस आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और संदिग्धों की तलाश में कई जगह छापेमारी कर रही है।
लोगों में दहशत, सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने आम जनता के बीच भी दहशत फैला दी है। लोग अब बैंकिंग सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने लगे हैं। इतने बड़े बैंक में अगर दिनदहाड़े इतनी बड़ी डकैती हो सकती है, तो आम लोगों की जमा पूंजी कितनी सुरक्षित है, यह चिंता का विषय है।