ताइवान में सुपर टायफून रागासा का कहर: 14 की मौत, 124 लापता

ताइवान में सुपर टायफून रागासा का कहर: 14 की मौत, 124 लोग लापता

हुआलियान, ताइवान:
प्रकृति जब अपना रौद्र रूप दिखाती है तो इंसान की सारी ताकतें बेबस नज़र आती हैं। ताइवान के लोकप्रिय पर्यटन स्थल हुआलियान में ऐसा ही मंजर देखने को मिला है, जहाँ सुपर टायफून रागासा ने भयानक तबाही मचाई है। तेज हवाओं और मूसलधार बारिश ने इलाके को थर्रा दिया है। राहत व बचाव दल के अनुसार इस आपदा में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 124 लोग अभी भी लापता हैं।

तूफ़ान की रफ्तार और भयावहता

मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि टायफून रागासा की रफ्तार ने खतरे की सारी सीमाएँ तोड़ दीं।

  • तूफ़ान की गति 215 किमी प्रति घंटा तक दर्ज की गई।
  • वहीं हवाओं की रफ्तार 295 किमी प्रति घंटा तक पहुँच गई।

आमतौर पर सामान्य समय में हवा की रफ्तार 10–15 किमी प्रति घंटा होती है, लेकिन रागासा की प्रचंड शक्ति ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। इसकी भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह तूफ़ान अंतरिक्ष से भी साफ़ दिखाई दे रहा है।

जीवन अस्त-व्यस्त, हजारों बेघर

इस विनाशकारी तूफ़ान की मार से अब तक:

  • 7000 से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं।
  • 8000 से ज्यादा घरों की बिजली ठप हो गई है।
  • सैकड़ों घर, दुकानें और इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं।
  • सड़कों पर खड़ी गाड़ियाँ बाढ़ के पानी में बह गईं।

हुआलियान सहित तटीय इलाकों में हालात बेहद गंभीर हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए प्रशासन ने स्कूल, कॉलेज और घरेलू उड़ानों को तुरंत बंद कर दिया है।

बचाव कार्य और चुनौतियाँ

ताइवान की आपदा प्रबंधन टीम लगातार राहत कार्यों में जुटी है।

  • अब तक 18 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया है।
  • घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
  • हेलिकॉप्टर और नावों की मदद से फँसे लोगों तक पहुँचने की कोशिश जारी है।
  • लेकिन भारी बारिश और लगातार हो रहे भूस्खलन (लैंडस्लाइड) के कारण राहत कार्य में बड़ी बाधाएँ आ रही हैं।

ताइवान से लेकर हांगकांग तक तबाही

रागासा का असर सिर्फ ताइवान तक सीमित नहीं रहा। इस तूफ़ान ने फिलिपींस, चीन और हांगकांग में भी तबाही मचाई है।

  • हांगकांग में तेज हवाओं के कारण कई मकानों की छतें उड़ गईं।
  • भारी बारिश ने वहाँ बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं।
  • सड़कों पर गाड़ियाँ तैरती नावों जैसी नज़र आ रही हैं।
  • घरों का सामान पानी में बह रहा है और लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।

पहाड़ी इलाकों में सबसे बुरा हाल

ताइवान के दक्षिण-पूर्वी तटीय और पहाड़ी इलाकों में स्थिति और भी खराब है। नदियाँ उफान पर हैं और पानी ने गाँवों व कस्बों को डुबो दिया है। पहाड़ी रास्ते बंद हो चुके हैं, जिससे राहत सामग्री पहुँचाना बेहद कठिन हो गया है। कई जगह घरों और दुकानों के शीशे टूटकर पानी अंदर घुस आया, जिससे लाखों का नुकसान हो गया।

वैश्विक मौसम का संकट

पिछले कुछ सालों से पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन की मार झेल रही है।

  • भारत में लगातार बाढ़ और सूखे की घटनाएँ बढ़ रही हैं।
  • एशिया के कई हिस्सों में तूफ़ान और चक्रवात आम हो गए हैं।
  • यूरोप और अमेरिका में भी रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और जंगलों की आग से जन-जीवन प्रभावित है।

रागासा जैसे सुपर टायफून हमें यह याद दिलाते हैं कि मौसम का यह असंतुलन केवल एक देश तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है।

निष्कर्ष

ताइवान में आई इस तबाही ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने इंसान कितना असहाय है। आज जब 14 परिवार अपनों को खो चुके हैं और 124 परिवार अपने गुमशुदा प्रियजनों की तलाश में हैं, तब केवल एक ही सवाल उठता है—क्या दुनिया जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है?

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