
कोलकाता में मूसलाधार बारिश ने मचाई तबाही, दुर्गा पूजा की तैयारियों पर पड़ा पानी
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और आसपास के इलाकों में सोमवार देर रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे शहर का हालात बदल दिए हैं। बारिश इतनी तेज़ हुई कि देखते ही देखते शहर की सड़कों पर पानी भर गया, घरों में पानी घुस आया और जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया। अब तक बिजली के करंट लगने और बारिश से जुड़ी अन्य घटनाओं में 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
जलमग्न शहर, ठप यातायात
लगातार हो रही बारिश ने कोलकाता को मानो तालाब में बदल दिया है। गाड़ियां पानी में डूब गईं, बसें और टैक्सियां बंद हो गईं और लोगों का पैदल चलना तक मुश्किल हो गया। स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई है। वहीं, मेट्रो और एयरपोर्ट सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। रेलवे स्टेशनों का हाल भी बुरा है—हावड़ा और सियालदह स्टेशन के यार्ड में जलभराव होने से ट्रेन सेवाएं बाधित हो गई हैं।
कोलकाता नगर निगम के मुताबिक गड़िया और कदमहारी इलाके में कुछ ही घंटों में 332 मिमी बारिश दर्ज की गई। जाधवपुर पार्क में 285 मिमी और कालीघाट में 280 मिमी बारिश हुई। उत्तरी कोलकाता के ठाठानिया इलाके में 196 मिमी बारिश दर्ज की गई।
40 साल का रिकॉर्ड टूटा
मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि सितंबर महीने में हुई इस बारिश ने पिछले 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अलीपुर क्षेत्र में बीते 24 घंटों में 251.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सितंबर महीने में दर्ज हुई सबसे बड़ी बरसातों में से एक है। इससे पहले 28 सितंबर 1978 को 370 मिमी और 26 सितंबर 1986 को 260 मिमी बारिश हुई थी। अब की बरसात भी उन्हीं ऐतिहासिक आंकड़ों की बराबरी कर रही है।
दुर्गा पूजा की तैयारियों पर संकट
बारिश का असर बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा की तैयारियों पर भी साफ दिखाई दे रहा है। शहर में जहां-तहां पंडाल निर्माण का काम चल रहा था, वहां पानी भर जाने से काम रुक गया है। सजावट और खरीदारी पर भी पानी फिर गया है। आयोजकों का कहना है कि अगर हालात जल्दी काबू में नहीं आए, तो पंडाल तैयारियों में भारी देरी हो सकती है। दुकानों और बाजारों में भी ग्राहक कम पहुंच रहे हैं, जिससे व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है।
आपदा प्रबंधन दल की तैनाती
स्थिति को संभालने के लिए आपदा प्रबंधन की टीमें मैदान में उतर चुकी हैं। जलभराव वाले इलाकों से पानी निकालने के लिए पंप लगाए गए हैं। नगर निगम के कर्मचारी लगातार नालों की सफाई और सड़कों से पानी हटाने में जुटे हैं। हालांकि, भारी बारिश के कारण हालात सामान्य होने में अभी समय लग सकता है।
लोगों की परेशानी
बारिश ने आम लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। ऑफिस जाने वाले कर्मचारी फंस गए, स्कूली बच्चे घरों में बंद हैं और बीमार लोग अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे। कई इलाकों में बिजली कटौती कर दी गई है ताकि करंट लगने जैसी घटनाओं से बचा जा सके। शहर के निचले इलाकों में लोगों के घरों में कमर तक पानी घुस चुका है।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी हिस्से में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण दक्षिण बंगाल में अगले 24 घंटे तक भारी बारिश की संभावना है। अगर बारिश का यह सिलसिला जारी रहा तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
कुदरत का कहर और इंसानों की मजबूरी
कोलकाता हमेशा से बारिश से जूझता रहा है, लेकिन इस बार की बरसात ने शहर की नब्ज थाम दी है। त्यौहारों की रौनक पर पानी फिर गया है और लोगों का धैर्य टूट रहा है। सात लोगों की जान चली जाना इस बात का सबूत है कि कुदरत के सामने इंसान कितना असहाय हो जाता है।
फिलहाल पूरा शहर इंतजार कर रहा है कि कब आसमान से पानी बरसना रुके और जिंदगी पटरी पर लौटे। लेकिन जब तक बादल छंटते नहीं, तब तक कोलकाता को इस बारिश की मार झेलनी ही होगी।