कानपुर ब्लास्ट में बड़ा खुलासा: स्कूटी नहीं, अवैध पटाखों की दुकान में हुआ धमाका — CCTV फुटेज ने खोली पोल

कानपुर में गूंजा भयानक धमाका: अवैध पटाखों ने मचाई तबाही, CCTV फुटेज ने खोली सच्चाई

कानपुर: बुधवार की शाम लगभग 7:20 बजे उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक जबरदस्त धमाका हुआ, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। शुरू में लोगों को लगा कि धमाका सड़क पर खड़ी दो स्कूटियों में हुआ है, लेकिन जब पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाला, तो सामने आई सच्चाई ने सबको हैरान कर दिया। असल में यह विस्फोट एक खिलौनों की दुकान में रखे अवैध पटाखों के स्टॉक में हुआ था। धमाका इतना तेज था कि आसपास की दुकानें, खड़ी स्कूटियां और गली-मोहल्ले तक हिल उठे।

धमाके से मचा हड़कंप, चार की हालत नाजुक

धमाके की आवाज इतनी भयंकर थी कि कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। आसपास के लोग घबराकर घरों से बाहर भागे। मौके पर अफरा-तफरी मच गई और कई दुकानों के शीशे टूट गए। पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल ने बताया कि इस हादसे में आठ लोग घायल हुए, जिनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों को तुरंत पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कमिश्नर ने कहा, “धमाका बेहद तेज था, और देखने से लग रहा था जैसे किसी सिलेंडर में विस्फोट हुआ हो, लेकिन जांच में स्पष्ट हुआ कि दुकान में करीब एक क्विंटल अवैध पटाखों का भंडार रखा गया था, वहीं से यह विस्फोट हुआ।”

चश्मदीदों की दहशत भरी कहानी

धमाके के वक्त दुकान के पास मौजूद 20 वर्षीय जान्हवी सोनकर और उनकी बहन नेहा भी गंभीर रूप से घायल हो गईं। जान्हवी ने बताया,

“हम कपड़े खरीदने आए थे, तभी अचानक तेज धमाका हुआ। चारों तरफ अंधेरा छा गया, कान सुन्न हो गए। समझ नहीं आया क्या हुआ। चारों तरफ धुआं और चिंगारियां थीं। हम डर के मारे भागे, पर मेरे पैर और हाथ जल गए।”

जान्हवी की मां अंजू सोनकर ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि “ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए, जो जानबूझकर अवैध पटाखों का कारोबार कर रहे हैं। यह हादसा और भी बड़ा हो सकता था।”

CCTV फुटेज ने किया सच उजागर

शुरुआत में लोगों ने समझा कि धमाका स्कूटी में हुआ, लेकिन CCTV फुटेज ने इस भ्रम को तोड़ दिया। वीडियो में साफ दिखा कि धुआं दुकान के भीतर से निकला, और फिर बाहर खड़ी स्कूटी व दूसरी वस्तुएं इसकी चपेट में आ गईं।

पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी तारिक नामक दुकानदार ने बिना लाइसेंस के दुकान में भारी मात्रा में पटाखे रखे थे। पुलिस ने अब तक 12 लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि तारिक की तलाश जारी है।

पुलिस की सख्त कार्रवाई

धमाके के बाद कानपुर पुलिस तुरंत हरकत में आ गई। पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया गया। पुलिस ने दो गोदाम सील किए और 18 दुकानों की जांच की। इसके अलावा पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और संबंधित CO को हटा दिया गया है।

कमिश्नर ने बताया कि, “हम यह पता लगाने में जुटे हैं कि इतने बड़े पैमाने पर पटाखों का स्टॉक किनकी जानकारी में रखा गया था और किन अधिकारियों की लापरवाही से यह संभव हुआ।”

स्थानीय लोगों में आक्रोश और डर

घटना के बाद आसपास के लोगों में भारी गुस्सा और दहशत है। कई लोगों ने बताया कि इस इलाके में लंबे समय से अवैध पटाखों का कारोबार चल रहा था, लेकिन किसी ने कार्रवाई नहीं की। एक दुकानदार ने कहा,

“हर साल त्योहारों से पहले ये लोग पटाखे जमा करते हैं और चोरी-छिपे बेचते हैं। हमने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।”

धमाके के बाद लोग अपने घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए। कई परिवार रातभर सो नहीं पाए। जिनकी दुकानें या गाड़ियाँ पास में थीं, वे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं।

प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया

धमाके के तुरंत बाद जिला प्रशासन और पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया और इलाके को घेरकर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया।

प्रशासन ने बताया कि अभी तक दो गोदामों में भारी मात्रा में पटाखे जब्त किए गए हैं और जांच जारी है कि यह माल कहां से आया और किनकी मिलीभगत से यहां रखा गया।

भविष्य में कड़ी कार्रवाई के संकेत

पुलिस कमिश्नर ने साफ कहा है कि “यह हादसा अवैध कारोबार का नतीजा है। अब शहर में किसी भी तरह के बिना लाइसेंस पटाखा कारोबार को बख्शा नहीं जाएगा। जो भी दुकानदार नियमों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

कानपुरवासियों के लिए सबक

यह घटना कानपुर के लोगों के लिए एक कड़ा सबक बनकर सामने आई है। त्योहारों के समय अक्सर अवैध रूप से पटाखे बेचे और खरीदे जाते हैं, लेकिन इस हादसे ने यह साबित कर दिया कि लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है। अगर थोड़ी सी चिंगारी और तेज होती, तो पूरा बाजार राख में तब्दील हो सकता था।

Leave a Comment