
हड्डी टूटना एक बेहद दर्दनाक और गंभीर समस्या होती है। आज तक इसका इलाज ज्यादातर सर्जरी, प्लेट, पिन और लंबे समय तक प्लास्टर के जरिए ही किया जाता रहा है। लेकिन अब इस क्षेत्र में एक बड़ी वैज्ञानिक क्रांति आने वाली है। दक्षिण कोरिया की शांगक्युकवान यूनिवर्सिटी (Sungkyunkwan University) के शोधकर्ताओं ने हड्डी के उपचार में एक अद्भुत खोज की है।
वैज्ञानिकों ने साधारण ग्लूगन (Glue Gun) को बदलकर एक ऐसी 3D प्रिंटिंग मशीन बना डाली है, जो सीधे टूटे हुए हिस्से पर हड्डी जैसी संरचना प्रिंट कर सकती है। यह तकनीक ऑपरेशन थिएटर में इस्तेमाल की जा सकेगी और इससे मरीज को जटिल सर्जरी से गुजरने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
यह तकनीक कैसे काम करती है?
इस 3D प्रिंटिंग मशीन में एक विशेष प्रकार का बायो-मैटेरियल (Bio-material) डाला जाता है, जो इंसानी हड्डी के बिल्कुल नज़दीकी गुण रखता है। जैसे ही हड्डी टूटती है, डॉक्टर इस मशीन की मदद से उस जगह पर नई हड्डी जैसी परत प्रिंट कर सकते हैं। यह परत धीरे-धीरे टूटे हुए हिस्से को जोड़ देती है और शरीर की प्राकृतिक हड्डी के साथ मिलकर मजबूत हो जाती है।
फायदे क्या हैं?
- सर्जरी की ज़रूरत नहीं – अब बड़े-बड़े ऑपरेशन करके प्लेट या पिन लगाने की आवश्यकता नहीं होगी।
- कम समय में इलाज – पारंपरिक तरीकों में हड्डी जोड़ने में कई महीने लग जाते हैं, लेकिन यह तकनीक रिकवरी टाइम को बहुत कम कर देगी।
- कम खर्च और कम दर्द – लंबे अस्पताल में भर्ती होने और महंगे ऑपरेशन का झंझट भी खत्म हो जाएगा।
- हर उम्र के लिए सुरक्षित – बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, किसी भी मरीज पर इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
भविष्य के लिए उम्मीद
अगर यह तकनीक व्यापक स्तर पर लागू होती है तो हड्डी टूटने का इलाज बहुत आसान हो जाएगा। सड़क दुर्घटना से लेकर खेलों में लगी चोट तक, हर स्थिति में डॉक्टर कुछ ही समय में टूटी हड्डी को जोड़ पाएंगे।
दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों का दावा है कि आने वाले समय में यह तकनीक पूरी दुनिया में हड्डी के इलाज के तरीके को बदलकर रख देगी। यह सिर्फ एक मेडिकल खोज नहीं है, बल्कि उन लाखों-करोड़ों लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण है, जो हर साल हड्डी टूटने की समस्या से जूझते हैं।